दुष्कर्मी सौतेले पिता की सजा कम करने से इन्कार
45 वर्षीय दोषी व्यक्ति बच्ची की मां की मौत के बाद से अभिभावक था। मां की मौत के समय लड़की 11 वर्षों की थी।
मुंबई, जेएनएन। सौतेली बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को बांबे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने सजा में कोई रियायत नहीं दी। दोषी ने नागपुर पीठ से निचली अदालत से मिली उम्रकैद की सजा में रियायत देने की अपील की थी। हाई कोर्ट ने कहा कि संरक्षक की हैसियत रखते हुए जिसने घृणित अपराध किया, उसे कोई रियायत नहीं दी जा सकती है। 45 वर्षीय दोषी व्यक्ति बच्ची की मां की मौत के बाद से अभिभावक था। मां की मौत के समय लड़की 11 वर्षों की थी।
जब वह 15 वर्षों की हुई तब उसके साथ सौतेले पिता ने नवंबर 2013 में दुष्कर्म शुरू किया और फरवरी 2014 में लड़की के गर्भ ठहरने तक उसका सितम जारी रहा। उस समय लड़की आठवीं कक्षा की छात्रा थी।
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