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Maharashtra: जंगल में आग के गुनाहगार को 1000 पौधे लगाने की 'सजा'

Maharashtra अदालत ने जंगल में आग लगाने वाले एक किसान को 1000 पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने का आदेश दिया है। सतारा जिले के नंदगांव निवासी सुभाष रामराव पाटिल ने शुक्रवार को कराड तहसील में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष अपराध स्वीकार कर लिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 08:32 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 08:32 PM (IST)
Maharashtra: जंगल में आग के गुनाहगार को 1000 पौधे लगाने की 'सजा'
जंगल में आग के गुनाहगार को 1000 पौधे लगाने की 'सजा'। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र में एक निचली अदालत ने जंगल में आग लगाने वाले एक किसान को 1000 पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने का आदेश दिया है। सतारा जिले के नंदगांव निवासी सुभाष रामराव पाटिल ने शुक्रवार को कराड तहसील में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष अपराध स्वीकार कर लिया। मजिस्ट्रेट एसए विरानी ने उन्हें 5,000 रुपये का जुर्माना देने के साथ ही 1,000 पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने का आदेश दिया। पाटिल को मलकापुर में वन विभाग के कार्यालय में पौधारोपण और पौधों की देखभाल के बारे में विस्तृत रिपोर्ट जमा करने को कहा गया। एक वन अधिकारी ने कहा कि अप्रैल में पाटिल के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत उनके खेत में गन्ने के ठूंठ में आग लगाने की शिकायत दर्ज की गई थी। तेज हवा के कारण आग बगल के जंगल में फैल गई।उन्होंने कहा कि बरगद, पीपल, सेनेगलिया केचु (खैर), नीम, कंचन और करंजा (मिल्लेटिया पिन्नाटा) के 1622 पूर्ण विकसित पेड़ आग में पूरी तरह से नष्ट हो गए। जमीन के एक बड़े हिस्से की घास भी क्षतिग्रस्त हो गई।

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गौरतलब है कि जंगल में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। जंगल में आगजनी की घटनाएं हर साल जिस तरह से भयावह रूप ले रही है, उससे केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ गई है। अधिकांश घटनाओं में न तो आग समय से काबू हो पाती है और न ही इससे होने वाले नुकसान में कोई कमी आ रही है। हालांकि, इसकी एक बड़ी वजह जंगल की आग को बुझाने का वह पारंपरिक तरीका भी है, जिसके तहत आग को अभी भी डंडे या पेड़ों की हरी टहनियों से ही पीटकर बुझाया जाता है। जहां के जंगलों में अक्सर भीषण आग लगती रहती है। वहां आग पर कैसे काबू पाया जाता है, इस बाबत जानकारी जुटाई जा रही है। जंगल में आग लगने की घटनाएं इसलिए भी चौंकाने वाली है, क्योंकि रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में 2019-2020 में आग की कुल 1.24 लाख घटनाएं दर्ज हुई हैं, जबकि 2020-21 में देशभर से जंगल में आग लगने की कुल 3.45 लाख घटनाएं सामने आई। जंगल में आग की घटनाएं हर साल नवंबर से जून महीने तक ही रिपोर्ट की जाती हैं।


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