मुबंई में निलंबित आयकर अधिकारी पर 48 लाख रुपये की ठगी का आरोप, कपड़ा व्यापारी की शिकायत पर मामला दर्ज
कपड़ा व्यापारी बिपिन अग्रवाल (52) ने मलबार हिल पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि साल 2006 से उन्होंने अपनी कंपनी एआरजे इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड में 57 लाख रुपये का निवेश किया और 2006 से 2019-20 के बीच सिर्फ 9 लाख रुपये ही मिले हैं।
मुंबई, फैजान खान। महाराष्ट्र के मलबार हिल पुलिस स्टेशन ने निलंबित वरिष्ठ आयकर अधिकारी विक्रम बत्रा और उनकी पत्नी प्रियंका बत्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दक्षिण मुंबई के एक व्यवसायी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद बत्रा दंपत्ति के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। दरअसल, बत्रा दंपत्ति पर 48 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप है।
हाई रिटर्न का किया था वादा
कपड़ा व्यापारी बिपिन अग्रवाल (52) ने मलबार हिल पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि साल 2006 से उन्होंने अपनी कंपनी एआरजे इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड में 57 लाख रुपये का निवेश किया और 2006 से 2019-20 के बीच सिर्फ 9 लाख रुपये ही मिले हैं। शिकायतकर्ता के मुताबिक, बत्रा दंपत्ति कई वर्षों से हाई रिटर्न का वादा कर रहे थे, लेकिन अब तक 48 लाख रुपये की निवेश राशि का भुगतान नहीं किया।
बत्रा को व्हाट्सएप पर किया था मैसेज
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने मामला दर्ज कराने के बारे में बत्रा को व्हाट्सएप पर मैसेज भी किया। जिसको लेकर बत्रा ने धमकी दी कि वह 2019 में उसके खिलाफ सीबीआई में केस दर्ज करा देंगे। कपड़ा व्यापारी ने पुलिस को व्हाट्सएप का स्क्रीन शॉट भी शेयर किया।
शिकायतकर्ता के अनुसार, उन्होंने बत्रा दंपत्ति द्वारा की गई धोखाधड़ी के बारे कंपनी के सभी निदेशकों को भी सूचित कर दिया है। कंपनी के निदेशकों में से एक समीर नाटेकर ने अगस्त 2019 में स्पीड पोस्ट के माध्यम से उन्हें लिखा कि उनकी शेष राशि 2 लाख की किश्तों में वापस कर दी जाएगी, जो कभी वापस ही नहीं मिली।
कपड़ा व्यापारी ने बताया कि बत्रा दंपत्ति ने बताया था कि उनकी कंपनी पूरे देश में संपत्तियां खरीद रही है और प्रियंका के पास कंपनी का 99 फीसदी हिस्सा है। ऐसे वो निवेशकों से पैसा लेकर एक साल के अंदर हाई रिटर्न के साथ वापस करते हैं।
आय से अधिक संपत्ति का मामला
साल 2005 में सीबीआई ने विक्रम बत्रा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले को लेकर जांच की थी और फिर उन्हें निलंबित कर दिया गया था। विक्रम बत्रा को उनके निलंबन से पहले आयकर के अतिरिक्त आयुक्त के रूप में मुंबई में तैनात किया गया था।