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महाराष्ट्र की राज्यसभा सीट पर फैसले के साथ कांग्रेस हाईकमान ने दिए सख्‍त संदेश, कई दिग्‍गज दरकिनार

पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने का बड़ा फैसला करने के अगले ही दिन कांग्रेस हाईकमान ने महाराष्ट्र की इकलौती राज्यसभा सीट का उम्मीदवार तय करने में भी अपना ही सिक्का चलाया। पार्टी ने जम्मू-कश्मीर की प्रभारी रजनी पाटिल को राज्यसभा चुनाव के लिए सोमवार को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 07:14 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 01:59 AM (IST)
महाराष्ट्र की राज्यसभा सीट पर फैसले के साथ कांग्रेस हाईकमान ने दिए सख्‍त संदेश, कई दिग्‍गज दरकिनार
कांग्रेस हाईकमान ने महाराष्ट्र की इकलौती राज्यसभा सीट का उम्मीदवार तय करने में भी अपना ही सिक्का चलाया।

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने का बड़ा फैसला करने के अगले ही दिन कांग्रेस हाईकमान ने महाराष्ट्र की इकलौती राज्यसभा सीट का उम्मीदवार तय करने में भी अपना ही सिक्का चलाया। पार्टी ने जम्मू-कश्मीर की प्रभारी रजनी पाटिल को राज्यसभा चुनाव के लिए सोमवार को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इस फैसले ने पार्टी के असंतुष्ट खेमे के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की फिलहाल राज्यसभा में लौटने की गुंजाइश खत्म कर दी है।

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मजबूत दावेदारों को किया दरकिनार

राज्यसभा के लिए हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस को महाराष्ट्र से एक सीट मिलनी तय है और रजनी पाटिल ने आजाद समेत बाकी कम से कम आठ मजबूत दावेदारों को पीछे छोड़ दिया। वैसे आजाद को महाराष्ट्र से मौका मिलना पहले ही कठिन नजर आ रहा था, इसके बावजूद असंतुष्ट खेमे की ओर से संभावनाएं टटोली गईं। रजनी पाटिल राज्यसभा में एक पारी खेल चुकी हैं और बीते कुछ समय से बतौर कांग्रेस प्रभारी जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

अब नाराजगी की परवाह नहीं 

महाराष्ट्र की इस इकलौती सीट के लिए दावेदार तो मिलिंद देवड़ा, मुकुल वासनिक और संजय निरूपम जैसे नेता भी थे लेकिन हाईकमान से निकटता के चलते सियासी पलड़ा रजनी पाटिल का भारी रहा। इस कदम के जरिये कांग्रेस नेतृत्व ने यह संकेत भी दे दिया है कि अब बड़े राजनीतिक फैसले लेने में वह असंतोष और नाराजगी की ज्यादा परवाह नहीं करेगा।

शिवसेना-राकांपा का समर्थन मिलना तय 

कांग्रेस के युवा नेता रहे राजीव सातव के निधन के कारण महाराष्ट्र की इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। सातव की पत्नी को उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलें थीं लेकिन नेतृत्व ने मौजूदा वक्त में अपनी सियासत मजबूत करने की रणनीति के हिसाब से उम्मीदवार तय करना मुनासिब समझा। राज्यसभा की यह सीट कांग्रेस कोटे की थी इसलिए शिवसेना और राकांपा का समर्थन मिलना तय है। इस हिसाब से रजनी पाटिल की जीत पक्की है। 


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