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खास उद्देश्य से सजायी गयी 90 वर्ष पुरानी ट्रेन, देखने जाएंगे सीएम उद्धव ठाकरे

Deccan Queen Train मुंबई-पुणे डेक्कन क्वीन ट्रेन की बोधलकासा हिल रिसॉर्ट की खूबसूरत पिक्‍चरों से रैपिंग की गयी है जिसे देखने के लिए मुख्यमंत्री ठाकरे ने सीएसएमटी का दौरा किया।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 12:05 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 12:05 PM (IST)
खास उद्देश्य से सजायी गयी 90 वर्ष पुरानी ट्रेन, देखने जाएंगे सीएम उद्धव ठाकरे
खास उद्देश्य से सजायी गयी 90 वर्ष पुरानी ट्रेन, देखने जाएंगे सीएम उद्धव ठाकरे

मुंबई, मिड डे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पहले रेलवे कार्यक्रम के लिए प्रतिष्ठित मुंबई-पुणे डेक्कन क्वीन ट्रेन को चुना है। ठाकरे वहां महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) द्वारा ट्रेन के ऊपर की गयी बोधलकासा हिल रिसॉर्ट की विनाइल रैपिंग को देखने के लिए आज सीएसएमटी का दौरा करेंगे। बोधलकासा हिल रिसॉर्ट के प्रचार के लिए डेक्कन क्वीन ट्रेन की वहां की खूबसूरत पिक्‍चरों से रैपिंग की गयी है। 

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 बोधलकासा हिल रिसॉर्ट

गोंदिया में बने बोधलकासा हिल रिसॉर्ट की इतने आक्रामक तरीके से किये जा रहे प्रचार के सवाल पर महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक, अभिमन्यु काले ने कहा, यह बर्ड वॉचिंग को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने का एक प्रयास है। बोधलकासा एक बर्ड सेंचुरी है, ये एक ऐसी जगह है जहां कई प्रजातियों के पक्षियों को हर साल, हर मौसम में देखा जा सकता है। 

डेक्कन क्वीन ट्रेन के सभी कोच पर बोधलकासा हिल रिसॉर्ट के आसपास के वातावरण की तस्वीरों की रैपिंग की गयी हैं। जिन्हें अभिमन्यु काले ने खुद शूट किया है। काले का कहना है कि मेरी बातों पर विश्वास करने के लिए आपको इस जगह का दौरा करना होगा। सेंट्रल रेलवे पर प्रतिष्ठित डेक्कन क्वीन की शुरुआत 1930 के दशक में अंग्रेजों ने की थी। आज भी, यह ट्रेन यात्रियों के साथ जबरदस्त भावनात्मक जुड़ाव रखती है और यह मुंबई और पुणे के बीच एक अच्छी सेवा दे रही है।

 डेक्कन क्वीन ट्रेन की खासियत 

ये ट्रेन पिछले 90 वर्षो से निरंतर सेवा दे रही है। 1 जनवरी 1930 को ब्रिटिश सरकार द्वारा इस ट्रेन की शुरुआत की गयी थी। ये भारत की पहली सुपरफास्ट और पहली डीलक्स ट्रेन है। इसे पुणे से मुंबई के बीच शुरु किया गया था। 

लोकल भाषा में इसे 'दक्खन की रानी' भी कहा जाता है। इस ट्रेन की शुरुआत सात डिब्बों के साथ की गयी थी। उस समय इन डिब्बों का रंग सिल्वर और रॉयल ब्लू हुआ करता था। जिनके मध्य  में एक गोल्डन कलर की लाइन भी थी। डिलक्स के साथ-साथ ये देश की पहली ऐसे ट्रेन थी जो इलैक्ट्रिक इंजन से चलती थी। इस ट्रेन का संचालन प्रतिदिन किया जाता है गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की तरफ से इसे नवंबर 2003 में आईएसओ 9001-2001 सम्मान भी मिल चुका है।

इस ट्रेन के बारे में एक मजेदार बात ये है कि इसे पति विशेष ट्रेन भी कहा जाता है दरअसल मुंबई में काम करने वाले पुरुष वीकेंड पर अपने परिवार से मुलाकात करने के लिए इसी ट्रेन से घर लौटते थे। 

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