Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल टकराव की राह पर
Maharashtra Politics. उद्धव के नेतृत्व में चल रही तीन दलों की महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार को भाजपा नेताओं का बार-बार राजभवन जाना भी रास नहीं आ रहा।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। Maharashtra Politics. महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम यहां भी पश्चिम बंगाल की तरह मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के टकराव के संकेत देने लगे हैं। बुधवार रात मुंबई राज्यपाल द्वारा बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का न पहुंचना इसी का संकेत माना जा रहा है।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बुधवार रात नौ बजे महाराष्ट्र में कोविड-19 की स्थिति पर समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उन्होंने राज्य के प्रमुख अधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी आमंत्रित किया था, लेकिन रात नौ बजे उद्धव के स्थान पर बैठक में शिवसेना के सचिव मिलिंद नार्वेकर पहुंचे। बाद में पता चला कि मुख्यमंत्री ने शाम सात बजे ही राज्यपाल को फोन करके खुद के न आ पाने की सूचना भेज दी थी।
बुधवार को ही सुबह भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके महाराष्ट्र में कोरोना की बिगड़ती दशा को देखते हुए यहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। राजभवन और सरकार में मतभेद कुछ समय पहले उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में नामित करने के मामले में भी दिखाई दे चुका है। तब राज्य कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया था कि उद्धव ठाकरे को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में नामित किया जाए, लेकिन राज्यपाल कोश्यारी ने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। उन्होंने चुनाव आयोग को विधान परिषद के चुनाव कराने की सिफारिश कर दी। अंततः उद्धव को पिछले सप्ताह चुनाव में भाग लेकर ही विधान परिषद की सदस्यता मिल सकी।
उद्धव के नेतृत्व में चल रही तीन दलों की महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार को भाजपा नेताओं का बार-बार राजभवन जाना भी रास नहीं आ रहा। मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने गया था। यह प्रतिनिधिमंडल भी राज्य में कोविड-19 की बिगड़ती स्थिति को लेकर ही सरकार की शिकायत लेकर राज्यपाल के पास पहुंचा था। माना जा रहा है कि इस प्रतिनिधिमंडल की शिकायत के बाद ही बुधवार को राज्यपाल ने उद्धव के साथ बैठक करने का फैसला किया होगा। जिसमें भाग लेने से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कन्नी काट गए।
अब कांग्रेस और राकांपा के नेता बार-बार राजभवन जाने की आलोचना कर रहे हैं। राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने साफ कहा है कि भाजपा नेताओं को बार-बार राज्यपाल के पास जाकर उन्हें तकलीफ देने की जरूरत नहीं है। उन्हें जो सलाह देनी हो, हमें सीधे दे सकते हैं।
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर यह कहते हुए प्रहार किया है कि फड़नवीस को राजभवन में ही एक कमरा लेकर वहीं रहना चाहिए।