आतंकी फंडिंग वाले ड्रग तस्करों पर केस
यह साबित हो चुका है कि नशीली दवाओं की तस्करी के जरिये धन इकट्ठा कर उसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाता है।
मुंबई, प्रेट्र। आतंकी फंडिंग करने वाले ड्रग (नशीली दवाएं) तस्करों पर एनडीपीएस एक्ट की बजाय गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलेगा। रविवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐसे मामलों में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड फिजियोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के तहत मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, 'यह साबित हो चुका है कि नशीली दवाओं की तस्करी के जरिये धन इकट्ठा कर उसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाता है। इसलिए भारत सरकार ऐसे क्रियाकलापों को एनडीपीएस की बजाय यूएपीए के तहत दर्ज करने जा रही है। हम पहली बार यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं।'
वह मुंबई आतंकी हमलों के दौरान सुरक्षा बलों की बहादुरी की स्मृति में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सीमावर्ती इलाकों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने मानवरहित विमान (यूएवी) और अन्य उपायों के इस्तेमाल का फैसला किया है।
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