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Yes Bank Case: व्यवसायी कपिल व धीरज वधावन 10 मई तक सीबीआई हिरासत में

Yes Bank Case यस बैंक मामले में व्यवसायी कपिल वधावन और धीरज वधावन को सीबीआई की विशेष अदालत ने सीबीआई हिरासत में भेज दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 03:52 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 03:52 PM (IST)
Yes Bank Case: व्यवसायी कपिल व धीरज वधावन 10 मई तक सीबीआई हिरासत में
Yes Bank Case: व्यवसायी कपिल व धीरज वधावन 10 मई तक सीबीआई हिरासत में

मुंबई, एएनआइ। Yes Bank Case: यस बैंक मामले में व्यवसायी कपिल वधावन और धीरज वधावन को सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को 10 मई तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया है।

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गौरतलब है कि महाराष्ट्र की एक अदालत ने गत शुक्रवार को यस बैंक घोटाले के आरोपित तथा डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल व धीरज वधावन की सीबीआइ हिरासत अवधि आठ मई तक बढ़ा दी थी। वधावन बंधुओं को गत 26 अप्रैल को महाराष्ट्र के सतारा जिले के महाबलेश्वर स्थित क्वारंटाइन स्थल से गिरफ्तार किया गया था। दोनों यस बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राणा कपूर को रिश्वत देने तथा घोटाले में संलिप्तता संबंधी रिपोर्ट दर्ज किए जाने के 50 दिनों बाद सीबीआइ के हाथ लगे थे। उन्हें शुक्रवार को रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद मुंबई की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। इस दौरान सीबीआइ ने वधावन व कपूर की गहरी साजिश का पता लगाने के लिए हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि वधावन बंधु 150 से ज्यादा मुखौटा कंपनियों का संचालन करते हैं, जिनकी जांच जरूरी है। इनके अलावा राणा कपूर व उनका परिवार कई कंपनियों का संचालन करता है। यह जांचने की जरूरत है कि राणा कपूर के परिवार की तरफ से संचालित कंपनियों से वधावन बंधुओं ने कोई लेनदेन किया है अथवा नहीं। सीबीआइ ने वधावन बंधुओं को मुकदमे में नामित करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने यस बैंक से अपनी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) लिमिटेड को लाभ दिलाने के लिए राणा कपूर के साथ षड्यंत्र रचा। घोटाले की शुरुआत अप्रैल से जून 2018 के बीच हो गई थी, जब यस बैंक ने डीएचएफएल के शॉर्ट टर्म डिबेंचर्स में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। 

इससे पहले सीबीआई ने यस बैंक गड़बड़ी के मामले में डीएचएफएल के प्रमोटर्स कपिल वधावन और आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के प्रमोटर्स धीरज वधावन को महाबलेश्‍वर से हिरासत में ले लिया था।

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक, वधावन बंधु यस बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर एवं अन्य के खिलाफ रिश्वतखोरी के मामले में आरोपी हैं। सीबीआइ का कहना है कि बीते सात मार्च को मामला दर्ज किए जाने के बाद से ही दोनों आरोपी फरार चल रहे थे। इस महीने की शुरुआत में सतारा पुलिस ने लॉकडाउन के निर्देशों का उल्लंघन करने के मामले में दोनों को हिरासत में लिया था। दोनों को ही जिला प्रशासन ने महाबलेश्वर में आइसोलेशन में रखा था।

सीबीआइ ने सतारा जिला प्रशासन को लिखा था कि उससे अनापत्ति प्रमाणपत्र लिए बिना वधावन सदस्यों को छोड़ा नहीं जाए। हाल ही में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने वधावन बंधु की मुश्किलें बढ़ने के संकेत दे दिए थे। बीते दिनों देशमुख ने कहा था कि वधावन परिवार क्‍वारंटाइन अवधि पूरी कर रहा है जिसे देखते हुए पुलिस ने ईडी और सीबीआई को उन्‍हें हिरासत में लेने के लिए सूचित कर दिया है।

उन्‍होंने यह भी कहा था कि जब तक ये लोग ईडी और सीबीआइ इन्‍हें नहीं ले जाती तब तक ये पुलिस हिरासत में रहेंगे। बीते 9 अप्रैल को पुलिस ने जबसे वधावन परिवार के सदस्‍यों को हिरासत में लिया था तब से परिवार के 22 लोग वहां के एक फार्म हाउस में थे। बताया जाता है कि लॉकडाउन के बावजूद ये लोग पांच कारों में सवार हो खंडाला से महाबलेश्‍वर के सफर पर गए थे। इस घटना के बाद सियासी सरगर्मी भी बढ़ गई थी।

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