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TRP Case: अर्णब गोस्वामी को आरोपित करने से पहले समन जारी करे पुलिस: बांबे हाई कोर्ट

TRP Case खंडपीठ ने कहा कि यदि इस तरह का कोई समन जारी किया जाता है तो अर्णब गोस्वामी पुलिस के सामने पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे। अदालत ने पुलिस को मामले की जांच रिपोर्ट अगली सुनवाई के दिन सीलबंद लिफाफे में सौंपने का भी निर्देश दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 09:05 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 09:05 PM (IST)
TRP Case: अर्णब गोस्वामी को आरोपित करने से पहले समन जारी करे पुलिस: बांबे हाई कोर्ट
बांबे हाई कोर्ट ने कहा कि अर्णब गोस्वामी को आरोपित करने से पहले पुलिस समन जारी करे।

मुंबई, प्रेट्र। TRP Case: बांबे हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा यदि टीआरपी मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को आरोपित करना चाहती है, तो पहले उन्हें समन जारी करे। जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने कहा कि यदि इस तरह का कोई समन जारी किया जाता है, तो अर्णब गोस्वामी पुलिस के सामने पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे। अदालत ने पुलिस को मामले की जांच रिपोर्ट अगली सुनवाई के दिन पांच नवंबर तक सीलबंद लिफाफे में सौंपने का भी निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि एफआइआर कोई विश्वकोष नहीं है। हम जांच का दस्तावेज देखेंगे। हम यह भी देखेंगे कि आज से अगली सुनवाई तक क्या जांच की गई है।

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बांबे हाई कोर्ट ने एआरजी आउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, जिसके पास रिपब्लिक टीवी का स्वामित्व है, और अर्णब गोस्वामी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। छह अक्टूबर को दायर इस याचिका में एफआइआर रद करने की मांग की गई है। याचिका में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए मामले को सीबीआइ के पास स्थानांतरित करने की भी मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट को मामले की जांच पर रोक लगा देनी चाहिए और पुलिस को याचिका लंबित रहने तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई से रोका जाना चाहिए।

गिरफ्तारी से सुरक्षा देने की मांग 

याचिकाकर्ताओं के वकील हरीश साल्वे ने हाई कोर्ट से अर्णब को गिरफ्तारी से सुरक्षा देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस उन्हें निशाना बना रही है। ऐसी आशंका है कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। दूसरी तरफ, महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की तरफ से पेश कपिल सिब्बल ने कहा कि इस समय तक अर्णब गोस्वामी का नाम आरोपित के तौर पर दर्ज नहीं है। इसलिए उनको सुरक्षा देने का कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता।


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