BMC: मुंबई में पार्षदों को इस वर्ष भी नहीं मिलेगी विकास निधि, मूलभूत कार्यों के लिए 60 लाख रुपए का प्रावधान
बृहन्मुंबई महानगर पालिका में इस वर्ष की तरह अगले वर्ष भी पार्षदों को विकास निधि नहीं मिलेगी। महानगर पालिका प्रशासन ने वर्ष 2023-24 के नागरिक बजट में मतदाता वार्ड के लिए विकास निधि का प्रावधान नहीं किया है। File Photo
समीर सुर्वे, मुंबई। बृहन्मुंबई महानगर पालिका में इस वर्ष की तरह अगले वर्ष भी पार्षदों को विकास निधि नहीं मिलेगी। महानगर पालिका प्रशासन ने वर्ष 2023-24 के नागरिक बजट में मतदाता वार्ड के लिए विकास निधि का प्रावधान नहीं किया है। वार्ड के सहायक नगर आयुक्त को मात्र आपातकालीन निर्माण कार्यों के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा।
विकास कार्य के लिए 60 लाख का प्रावधान
बीएमसी नियमों के अनुसार, प्रत्येक पार्षद को विकास कार्य करवाने के लिए 60 लाख रुपए की धनराशि प्रदान करने का प्रावधान है। इस धनराशि का उपयोग पार्षद द्वारा सुझाए गए विकास कार्यों में किया जाता है, लेकिन इस वर्ष इस मद के लिए धनराशि का प्रावधान नहीं किया गया है। निगम का कार्यकाल 8 मार्च 2022 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में सिविक प्रमुख आई एस चहल प्रशासक के रूप में 2 फरवरी 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगे।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष रवि राजा ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के बजट में उन्होंने कुछ कामों के सुझाव दिए, लेकिन इसके बजाय पूरे वार्ड के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया। ऐसे में हमारे द्वारा सुझाए गए कुछ ही काम हो पाए। इस वर्ष भी वह कुछ काम सुझाएंगे लेकिन उन्हें सारे काम हो पाने की उम्मीद नहीं है।
मुंबई को सुंदर बनाने के लिए 990 करोड़
इसके बारे में बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष के बजट में पार्षद निधि का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन वार्ड कार्यालय आपातकालीन निर्माण कार्यों की सिफारिश करते हैं। इसके साथ ही बीएमसी ने प्रत्येक वार्ड के लिए इस वर्ष विशेष परियोजनाओं के रूप में सौंदर्यीकरण परियोजनाओं और सार्वजनिक शौचालय मरम्मत कार्य भी पूरे किए। प्रशासन ने सौंदर्यीकरण परियोजना के लिए 750 करोड़ और सार्वजनिक शौचालय के लिए 240 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए।
अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर एक पार्षद ने बताया कि सौंदर्यीकरण एवं शौचालय मरम्मत के अलावा कुछ वार्डों में झुग्गी-झोपड़ी के इलाकों में फुटपाथ मरम्मत, प्रकाश व्यवस्था और कूड़ेदानों का व्यवस्था जैसे अन्य कार्यों की भी जरूरत होती है, लेकिन इन कामों में देरी हो रही है।