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Mumbai Padmini Taxi: मुंबई की हमसफर काली-पीली टैक्सी का सफर खत्म, जानिए क्या है वजह

Mumbai Padmini Taxi मुंबई की सड़कों पर दौड़ने वाली काली-पीली टैक्सी जून 2020 में बंद हो रही हैं टैक्‍सी यूनियन के अनुसार इसके बंद होेने के पीछे कई कारण हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 11:38 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 11:38 AM (IST)
Mumbai Padmini Taxi: मुंबई की हमसफर काली-पीली टैक्सी का सफर खत्म, जानिए क्या है वजह
Mumbai Padmini Taxi: मुंबई की हमसफर काली-पीली टैक्सी का सफर खत्म, जानिए क्या है वजह

मुंबई, एएनआइ। Mumbai PadminiTaxi मायानगरी की पहचान सड़कों पर दौड़ती ये काली-पीली टैक्सी जल्द ही सड़कों से गायब होने वाली है। जी हां, मुंबई की जान पद्मिनी टैक्सी अब बंद होने वाली है। दरअसल आइकॉनिक इंडो-इटालियन मॉडल की प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी का प्रोडक्शन वर्ष 2000 में ही बंद हो गया था। इसके बाद से मात्र 50 टैक्सियां ही यहां की सड़कों पर दौड़ रही हैं। लेकिन ताजा जानकारी के अनुसार जून 2020 में मुंबई की सड़कों पर इसे पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। 

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इस बारे में मुंबई टैक्सी यूनियन का कहना है कि ये प्रतिष्ठित कार है लेकिन नई पीढ़ी के लोग अब इसमें बैठना नहीं चाहते हैं, वे नई तकनीक की मॉडर्न कारें पसंद करते हैं। इतनी महंगाई में अब इन टैक्सियों का रख रखाव भी काफी महंगा हो गया है। 

कब लॉन्च हुई थी पद्मिनी कार

वर्ष 1964 में फिएट 1100 डिलाइट के नाम से इसे बाजार में उतारा गया था, ये फिएट 1100 का स्वदेशी वर्जन था। लेकिन लॉन्चिंग के एक वर्ष बाद ही इसका नाम बदलकर प्रीमियर प्रेसिडेंट रख दिया गया। वर्ष 1974 में एक बार फिर इसका नाम बदलकर प्रीमियर पद्मिनी रखा गया। ये नामकरण रानी पद्मिनी के नाम पर ही किया गया था। 

बता दें कि 60 के दशक में जब दिल्ली और कोलकाता में एम्बेसडर की धूम मची हुई थी उस समय मुंबई के अधिकारियों ने पद्मिनी को तरजीह दी थी इसकी एक खास वजह थी इसका साधारण और आकार में भी छोटा होना। इसके बाद तो मानो मुंबई में इस टैक्सी की रफ्तार को जैसे पंख लग गये। 90 के दशक में 63 हजार 200 पद्मिनी टैक्सी, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में रजिस्टर की गई थी। बॉलीवुड की फिल्मों में भी इन काली पीली टैक्सियों को खूब देखा गया। कई दशकों से लोगों की हमसफर रहने वाली ये टैक्सी अब मुंबई की सड़कों से पूरी तरह लुप्त होने जा रही है जो वाकई इतिहास बनकर हमारी यादों में रह जाएगी। 

प्रदूषण भी वजह

वर्ष 2013 में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए भी 20 वर्षो से पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिये थे। ऐसे में इन कारों को सड़कों से हटाना एक मजबूरी बन गया है क्योंकि हर मुंबईवासी इनसे भावानात्मक रूप से जुड़ा हुआ है, इसलिए पद्मिनी की कमी उन्हें हमेशा खलेगी। 

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