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Palghar Lynching: पालघर मामले में मार्च निकालने से पहले भाजपा विधायक हिरासत में

Palghar Lynching पालघर मॉब लिंचिंग मामले में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर मुंबई में जन आक्रोश रैली निकालने की योजना बना रहे भाजपा विधायक राम कदम और उनके कुछ समर्थकों को मुंबई में बुधवार को उस वक्त हिरासत में लिया गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 05:56 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 05:56 PM (IST)
Palghar Lynching: पालघर मामले में मार्च निकालने से पहले भाजपा विधायक हिरासत में
जन आक्रोश यात्रा से पहले भाजपा विधायक राम कदम हिरासत में। फोटोः एएनआई

मुंबई, प्रेट्र। भाजपा विधायक राम कदम और उनके समर्थकों को पालघर तक मार्च शुरू करने से पहले मुंबई में हिरासत में ले लिया गया। भाजपा विधायक इसी साल अप्रैल में पालघर जिले में दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल महाराष्ट्र अपराध अनुसंधान विभाग इस मामले की जांच कर रहा है। रिहा होने के बाद कदम ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार के दबाव में उन्हें हिरासत में लिया था। राज्य के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने पालघर भीड़ हिंसा की घटना को लेकर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

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विधायक कदम और उनक समर्थक सुबह से ही हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर पालघर जाने की तैयारी में थे। वे लोग जिस जगह पर दो साधुओं और उनके कार चालक की भीड़ ने हत्या कर दी थी, वहां तक जाने वाले थे। लेकिन जनाक्रोश यात्रा शुरू करने से पहले पुलिस खार स्थित उनके निवास पर पहुंची और उन्हें और उनके कुछ समर्थकों को हिरासत में ले लिया। खार थाने में लाने के बाद पुलिस ने सभी को छोड़ दिया। उधर, पालघर के मनोर में भाजपा के कुछ अन्य पदाधिकारी भी हिरासत में लिए गए। ये लोग भी कदम के मार्च में हिस्सा लेने वाले थे। पालघर के पुलिस अधीक्षक दत्तात्रेय शिंदे ने कहा कि कासा थाने ने कदम को निषेधाज्ञा नोटिस थमाया था। लेकिन इसके बावजूद कदम और उनके समर्थक यात्रा निकालने जा रहे थे। 

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक स्थिति रिपोर्ट दायर की थी। इसमें आरोपित 15 पुलिसकर्मियों का वेतन काटकर दंडित करने और दो नौकरी से रिटायर करने की बात बताई गई है। राज्य सरकार की स्थिति रिपोर्ट में बुधवार को बताया गया कि आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। जिन लोगों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया और अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने का जिम्मेदार पाया गया उनके खिलाफ विभागीय जांच पूरी हो चुकी है। कोंकण रेंज के स्पेशल इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन पुलिसकर्मियों का जवाब जानने के बाद कोंकण रेंज के अधिकारी ने उनके खिलाफ 21 अगस्त को अंतिम आदेश दिया। इसी आधार पर एएसआइ रवींद्र दिनकर सालुखे, और सब इंस्पेक्टर नरेश नगीन डोंडी को रिटायर कर दिया गया था।


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