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भिंडी बाजार हादसे पर आरोपों का बाजार गर्म

अब इस क्षेत्र की जर्जर इमारतों को खाली कराने एवं उन्हें गिराकर पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी ट्रस्ट की है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 02 Sep 2017 02:01 PM (IST)Updated: Sat, 02 Sep 2017 02:01 PM (IST)
भिंडी बाजार हादसे पर आरोपों का बाजार गर्म
भिंडी बाजार हादसे पर आरोपों का बाजार गर्म

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। मुंबई के भिंडी बाजार इलाके में गुरुवार को गिरी इमारत में मृतकों की संख्या अब बढ़कर 33 हो गई है। मुख्यमंत्री ने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। लेकिन हादसे के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार बताने की होड़ लग गई है।

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भिंडी बाजार क्षेत्र के कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) को इस हादसे के लिए दोषी बताते हुए कहा है कि भले ही 117 साल पुरानी इस जर्जर इमारत को खाली करने का नोटिस म्हाडा ने वर्ष 2011 में ही जारी कर दिया था, लेकिन अब तक इमारत खाली न होने एवं हादसे में लोगों के मारे जाने की जिम्मेदारी से म्हाडा बच नहीं सकती।

जबकि म्हाडा में मुंबई की इमारतों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण का काम देखने वाले अधिकारी सुमंत भांगे पटेल के आरोप से पल्ला झाड़ते हुए कहते हैं कि म्हाडा भिंडी बाजार के पुनर्निर्माण के लिए सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट (एसबीयूटी) के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है।

अब इस क्षेत्र की जर्जर इमारतों को खाली कराने एवं उन्हें गिराकर पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी ट्रस्ट की है। भायखला से समाजवादी पार्टी के सभासद रईस शेख म्हाडा एवं एसबीयूटी दोनों को इमारत गिरने का जिम्मेदार बताते हुए कहते हैं कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और दोषी व्यक्तियों पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।

दूसरी ओर, भिंडी बाजार के 16.5 एकड़ भूखंड पर भारत की सबसे बड़ी सामूहिक पुनर्निर्माण योजना शुरू करने जा रहे सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट के सीईओ अब्बास मास्टर का कहना है कि इलाके की ज्यादातर पुरानी और जर्जर इमारतों में रहने वाले लोग अपने घर खाली करने को तैयार नहीं हैं।

जबकि उन्हें बताया जा चुका है कि प्राथमिकता के आधार पर नई बहुमंजिला इमारतें बनाकर उन्हें आवास उपलब्ध करा दिए जाएंगे। बता दें कि भिंडी बाजार में गुरुवार को गिरी हुसैनी इमारत जैसी ही 256 और इमारतें पुनर्निर्माण के लायक हैं। 80 साल से ज्यादा पुरानी इन इमारतों में 4,221 परिवार रहते हैं।

चूंकि इस इलाके में रहनेवाले ज्यादातर लोग दाऊदी बोहरा समुदाय के हैं। इसलिए 2008 में दाऊदी बोहरा समुदाय के धर्मगुरु सैयदना मुहम्मद बुरहानुद्दीन ने इस इलाकेकी सभी जर्जर इमारतों को गिराकर यहां रहने वाले लोगों को बेहतर आवास देने की योजना शुरू करने की घोषणा की थी। इस कड़ी में 95 इमारतें गिराकर कुछ काम शुरू भी किया जा चुका है।

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