Maharashtra: पालघर लिंचिंग के 25 आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज
Palghar lynching महाराष्ट्र में पालघर के एक गांव में उन्मादी भीड़ ने दो साधुओं व उनके वाहन चालक की हत्या कर दी थी। कोर्ट से कहा कि इन 25 आरोपितों के खिलाफ कई साक्ष्य हैं।
मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र की एक सत्र अदालत ने बुधवार को पालघर लिंचिंग (उन्मादी भीड़ की हिंसा) के 25 आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। जिले के एक गांव में उन्मादी भीड़ ने दो साधुओं व उनके वाहन चालक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पालघर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय में सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक सतीश मानेशिंदे ने कोर्ट से कहा कि इन 25 आरोपितों के खिलाफ कई साक्ष्य हैं। उन्होंने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपितों के मोबाइल फोन की जांच में पता चला है कि वे वारदात स्थल पर मौजूद थे।
बता दें कि 16 अप्रैल को पालघर जिले के गडचिंचले गांव में दो साधुओं और उनके वाहन चालक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच दोनों साधु अपने गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार से मुंबई से सूरत जा रहे थे। इस बीच किसी ने अफवाह उड़ा दी थी कि इलाके में बच्चा चोर घूम रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में 100 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, महाराष्ट्र में मुंबई से सटे पालघर जनपद में 29 मई मेें फिर दो साधुओं पर हमला हुआ। तीन हथियारबंद हमलावरों ने एक मंदिर पर हमला कर वहां रह रहे दो साधुओं को घायल कर दिया और मंदिर से करीब 6,800 रुपये लूट ले गए। इस घटना में एक हमलावार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पालघर के वसई तालुका स्थित बालीवली गांव में गुरुवार रात करीब 12.30 बजे तीन हथियारबंद हमलावरों ने जागृत महादेव मंदिर एवं आश्रम पर हमला बोला और वहां रह रहे मुख्य साधु शंकरानंद सरस्वती एवं उनके शिष्य से मारपीट शुरू कर दिया। खतरे की आशंका देख 54 वर्षीय शंकरानंद सरस्वती ने किसी तरह खुद को हमलावरों के चंगुल से छुड़ाकर मंदिर के ही एक कमरे में बंद कर लिया और दूसरे साधु 60 वर्षीय श्याम सिंह सोम सिंह ठाकुर भी मंदिर से भाग निकला। करीब आधे घंटे चली इस घटना के बाद हमलावर मंदिर से करीब 6800 रुपये कीमत का सामान लूटकर भाग निकले। पुलिस ने आईपीसी की धारा 394 (लूटपाट) के तहत मामला दर्ज कर हमलावरों की तलाश शुरू कर दी और एक आरोपित अनिल मदन गूजर को गिरफ्तार कर लिया है। घटना में दोनों साधुओं को मामूली चोटें आई हैं।