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BBC Documentery: राजधानी के बाद अब महाराष्ट्र के FTII कॉलेज में हुई विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग

जेएनयू जमिया और दिल्ली विश्वविघालय में बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के बाद अब यह महाराष्ट्र के भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान में भी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हुई है। छात्र संघ ने कहा कि इसे प्रोपेगेंडा का टुकड़ा न बताएं। ( फाइल फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaPublished: Sat, 28 Jan 2023 04:19 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jan 2023 04:19 PM (IST)
BBC Documentery: राजधानी के बाद अब महाराष्ट्र के FTII कॉलेज में हुई विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग
राजधानी के बाद अब महाराष्ट्र के FTII कॉलेज में हुई विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग

मुंबई, पीटीआई। दसी के द्वारा 2002 के गोधरा दंगों पर बनाई गई विवादित डॉक्यूमेंट्री 'द मोदी क्वेश्चन' पर देश के कोने- कोने में बवाल मचा हुआ है। पहले 'द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग जेएनयू में हुई थी। फिर इसके बाद जामिया और दिल्ली विश्वविघालय में भी विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई थी। तो वहीं अब इसी कड़ी में सरकार के बैन लगाने के बावजूद भी महाराष्ट्र के भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हुई है।

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एक्टिंग स्कूल के परिसर में की गई डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग

छात्रों के संघ ने 2002 के गोधरा दंगों पर बीबीसी के विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग संस्थान के प्रमुख एक्टिंग स्कूल के परिसर में किया है। छात्रसंघ ने शनिवार को यह जानकारी दी है। एफटीआईआई छात्र संघ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 26/01/23 को हमने एफटीआईआई में बीबीसी की बैन की हुई डॉक्यूमेंट्री 'द मोदी क्वेश्चन' दिखाई है।

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बैन कर दी थी डॉक्यूमेंट्री

केंद्र ने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और यूट्यूब को डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री को एक "दुष्प्रचार का टुकड़ा" बताते हुए खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा था कि डॉक्यूमेंट्री में निष्पक्षता का अभाव है। तो वहीं यह एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। लेकिन एसोसिएशन के बयान में कहा गया कि साहित्य, संगीत और हाल के दिनों में मीडिया पर प्रतिबंध, एक चरमराते समाज का संकेत रहा है।

छात्र संघ ने कहा प्रोपेगेंडा का टुकड़ा न बताएं

एफटीआईआई के छात्र संघ ने कहा कि बीबीसी के द्वारा जांच किए गए कार्य का हमारे चुने हुए लोगों के द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए। न की वे जल्दी से इसे झूठे प्रचार के रूप में टैग कर प्रोपेगेंडा का टुकड़ा घोषित कर देते हैं।

छात्र संघ ने कहा कि हालांकि, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री उस तरह की हिंसा की सतह को मुश्किल से खरोंचती है, जो एक समर्पित, विलक्षण, शातिर उद्देश्य के लिए पूरे देश में कायम है। उन्होंने आगे कहा कि यह हमारे लिए चौंका देने वाली बात होगी अगर भारत में कोई भी इस डॉक्यूमेंट्री में होने वाली घटनाओं से हैरान हो।

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दिल्ली के कई कॉलेजों में हुई थी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग

एफटीआईआई के रजिस्ट्रार सैय्यद रबीहशमी ने कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि छात्रों के एक समूह ने डॉक्यूमेंट्री देखी है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। पिछले कुछ दिनों में, राष्ट्रीय राजधानी में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और अंबेडकर विश्वविद्यालय सहित कई शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों ने विवादित डॉक्यूमेंट्री 'द मोदी क्वेश्चन की स्क्रीनिंग करने का प्रयास किया है। तो वहीं केरल में भी कांग्रेस ने गुरुवार को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी।

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