Sushant Singh Rajput Case: सुशांत प्रकरण से मेरा नाम जोड़ना भद्दी राजनीतिः आदित्य ठाकरे
Sushant Singh Rajput Case आदित्य ने बाला साहब ठाकरे की दुहाई देते हुए कहा कि महाराष्ट्र शिवसेना व ठाकरे परिवार की गरिमा को ठेस पहुंचे ऐसा कृत्य उनके हाथों कभी नहीं होगा।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Sushant Singh Rajput Case: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र सरकार के ‘एक मंत्री’ का नाम उछलता देख मंगलवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के पुत्र व महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे खुद सफाई देने मैदान में आ गए। इन आरोपों को भद्दी राजनीति करार देते हुए आदित्य ने कहा कि मैं अभी भी संयम बरत रहा हूं। भाजपा नेता व शिवसेना के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के आरोपों से तिलमिलाए आदित्य ठाकरे ने आनन-फानन में एक प्रेसनोट जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि भद्दे आरोपों से सरकार व ठाकरे परिवार को बदनाम किया जा सकेगा, इस भ्रम में कोई न रहे। सुशांत सिंह राजपूत व बॉलीवुड के अन्य कलाकारों के साथ अपने संबंधों की पुष्टि करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि बॉलीवुड मुंबई का महत्त्वपूर्ण अंग है, जो हजारों को रोजगार देता है। इसीलिए बहुतों के साथ मेरे करीबी संबंध हैं। यह कोई गुनाह तो नहीं है। सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु खेदजनक है।
मुंबई पुलिस उसकी गहराई से जांच कर रही है। अपनी कार्यक्षमता के लिए दुनिया भर में मशहूर मुंबई पुलिस पर आरोप लगाने वाले लोग वे ही हैं, जो कानून पर भरोसा नहीं करते, और बेबुनियाद आरोपों के सहारे जांच को गुमराह करना चाहते हैं। हालांकि अब तक किसी ने खुलकर आदित्य ठाकरे का नाम नहीं लिया है। इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रेसनोट में कहा कि सुशांत की आत्महत्या के साथ कई लोग मेरा और ठाकरे परिवार का नाम जोड़ रहे हैं। ये विफलता से उपजी भद्दी राजनीति है। यह प्रयास मानवता को कलंकित करने वाला है। आदित्य ने अपने दादा व शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे की दुहाई देते हुए कहा कि महाराष्ट्र, शिवसेना व ठाकरे परिवार की गरिमा को ठेस पहुंचे, ऐसा कृत्य उनके हाथों कभी नहीं होगा।
इसके साथ ही शिवसेना के एक वरिष्ठ मंत्री अनिल परब ने भी एक बयान में कहा कि आदित्य ठाकरे का सुशांत सिंह राजपूत मामले से कोई संबंध नहीं है। यह सिर्फ युवा नेता की छवि खराब करने का प्रयास भर है। परब के अनुसार, बिहार चुनाव को देखते हुए विपक्ष इस मामले को लेकर राजनीति खेल रहा है। महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं द्वारा सुशांत प्रकरण की जांच सीबीआइ को देने की मांग उठाने पर भी परब ने यह कहते हुए सवाल खड़ा किया कि जब महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार थी, तब वे इसी पुलिस के कामों की तारीफ किया करते थे। अब उसकी क्षमताओं पर सवाल उठा रहे हैं।
महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार में शिवसेना की साझीदार कांग्रेस व राकांपा सहित सुशांत की महिला मित्र रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश माने शिंदे ने भी सुशांत आत्महत्या प्रकरण की जांच बिहार सरकार द्वारा सीबीआइ को सौंपे जाने पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस-राकांपा ने जहां यह मामला सीबीआइ को सौंपे जाने को राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप करार दिया है, वहीं वकील मानेशिंदे ने कहा कि जिस मामले में बिहार पुलिस को शामिल होने का कोई अधिकार ही नहीं बनता उसकी जांच बिहार सरकार सीबीआइ को नहीं सौंप सकती। उनके अनुसार, बिहार पुलिस ज्यादा से ज्यादा जीरो एफआईआर दर्ज कर यह मामला मुंबई पुलिस को सौंप सकती थी।