अमित शाह ने महाराष्ट्र के भाजपा कार्यकर्ताओं को बताए 23 सूत्र
महाराष्ट्र के चुनावी मैदान में अकेले उतरने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने कार्यकर्ताओं को 23 सूत्रीय एजेंडा दिया है।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। संसद में विश्वासमत के दौरान शिवसेना का विश्वासघात भाजपा को चौकन्ना कर गया है। इसलिए महाराष्ट्र के चुनावी मैदान में अकेले उतरने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने कार्यकर्ताओं को 23 सूत्रीय एजेंडा दिया है।
पिछले विधानसभा चुनाव के पहले से ही भाजपा से बिदकी शिवसेना को मनाने की कोशिशें भाजपा नेता लगातार करते रहे हैं। यह कोशिश अभी भी जारी है। लेकिन शिवसेना का रुख भांपते हुए रविवार को अमित शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से स्पष्ट कर दिया कि गठबंधन पर निर्णय पार्टी करेगी, आप चुनाव की तैयारियों में लगिए। यह आशंका भी जताई जा रही है कि भाजपा को पराजित करने के लिए शिवसेना इस बार कांग्रेस-राकांपा जैसे धुर विरोधी विचार वाले दलों के साथ भी जा सकती है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भाजपा अध्यक्ष ने अपने कार्यकर्ताओं को 23 सूत्रीय एजेंडे पर काम करने के निर्देश दे दिए हैं।
इन सूत्रों में प्रमुख हैं -वन बूथ, पच्चीस यूथ योजना के तहत प्रत्येक बूथ पर 25 प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं का समूह तैयार करना। इन कार्यकर्ताओं में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के युवकों की बहुलता होनी चाहिए। प्रत्येक बूथ कार्यकर्ता को अपने क्षेत्र के कम से कम पांच परिवारों के संपर्क में रहना चाहिए। पांच बूथ कार्यकर्ताओं के बीच कम से कम तीन के पास मोटरसाइकिल होनी चाहिए एवं प्रत्येक बूथ स्तर पर एक वाट्सएप ग्रुप बनाया जाना चाहिए। इन बूथ कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र में जाति, धर्म एवं भाषावार मतदाताओं की पहचान कर उनकी समस्याएं समझना चाहिए एवं केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा उनके हित में शुरू की गई योजनाओं की जानकारी भी उन्हें देनी चाहिए।
अमित शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपने-अपने क्षेत्रों में कम से कम 51 फीसद मतदान सुनिश्चित करने की अपेक्षा की है। शाह के अनुसार बूथ कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र में भाजपा के परंपरागत मतदाताओं, विरोधी मतदाताओं एवं तटस्थ मतदाताओं की पहचान करनी चाहिए। जो मतदाता अब तक भाजपा को मत नहीं देते रहे हैं, उन्हें भी भाजपा को मत देने के लिए प्रेरित करना चाहिए। शाह ने कार्यकर्ताओं से साफ कहा कि यदि दिया गया काम वे सही समय पर पूरा करेंगे तो किसी दल से गठबंधन की जरूरत ही नहीं रहेगी।