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मालेगांव ब्लास्ट 2008:पीड़ित पिता ने बॉम्बे हाइकोर्ट में दी अर्जी, जज का कार्यकाल बढ़ाने का किया अनुरोध

Malegaon blast 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एक पीड़ित पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट को पत्र लिखकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के जज का कार्यकाल बढ़ाने का अनुरोध किया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 09:28 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 11:25 AM (IST)
मालेगांव ब्लास्ट 2008:पीड़ित पिता ने बॉम्बे हाइकोर्ट में दी अर्जी, जज का कार्यकाल बढ़ाने का किया अनुरोध
मालेगांव ब्लास्ट 2008:पीड़ित पिता ने बॉम्बे हाइकोर्ट में दी अर्जी, जज का कार्यकाल बढ़ाने का किया अनुरोध

मुंबई, एएनआइ। 2008 के मालेगांव विस्फोट में अपने पुत्र को खो चुके एक पीड़ित पिता निसार अहमद बिलाल ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के न्यायाधीश विनोद एस पाडलकर का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की है। पीड़ित पिता चाहते हैं कि जब तक इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक वो इसी पद पर बने रहें। इसे लेकर पीड़ित ने बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने अर्जी दाखिल की है। गौरतलब है कि विशेष न्यायाधीश विनोद एस पाडलकर, जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिनियम के तहत नामित चल रहे मुकदमे की अध्यक्षता कर रहे हैं, 29 फरवरी को सेवानिवृत्त होंगे।

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केंद्र सरकार ने 18 अप्रैल, 2018 को जारी गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के माध्यम से, बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश पर विशेष अदालत की अध्यक्षता करने के लिए न्यायाधीश पाडलकर को नियुक्त किया था।

विशेष न्यायाधीश के कार्यकाल का विस्तार का अनुरोध करने वाले मालेगांव के 60 वर्षीय निवासी निसार अहमद सैयद बिलाल है, जिन्होंने 29 सितंबर, 2008 को विस्फोट में अपने बेटे को खो दिया था। बिलाल ने मुख्य न्यायाधीश को दिए अपने आवेदन में कहा है कि विशेष न्यायाधीश को विस्तार तब तक दिया जाना चाहिए जब तक कि तय समय सीमा के भीतर मुकदमा पूरा न हो जाए।

ज्ञात हो कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में बम विस्फोट हुआ था। जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें तकरीबन 100 लोग घायल हुए थे। ये विस्फोट उस समय किया गया था जब लोग रमजान के दौरान नमाज पढऩे जा रहे थे।

इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और अन्य आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोट अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत केस चल रहा है। एनआइए ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी अप्रैल, 2011 में महाराष्ट्र आतंकरोधी दस्ता (एटीएस) से अपने पास ले ली थी। इस आरोपपत्र में प्रज्ञा, पुरोहित और द्विवेदी के अलावा अन्य 14 लोगों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें मेजर रमेश उपाध्याय, राकेश धवाडे, समीर कुलकर्णी, प्रवीण तकालकी और सुधाकर चतुर्वेदी भी हैं।


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