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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के 12 भाजपा विधायकों ने निलंबन को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

Maharashtra Politics अधिवक्ता अभिकल्प प्रताप सिंह ने गुरुवार को भाजपा के 12 विधायकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि इन विधायकों ने उन्हें एक साल के लिए निलंबित करने वाले प्रस्ताव को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 07:43 PM (IST)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के 12 भाजपा विधायकों ने निलंबन को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
महाराष्ट्र विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित 12 भाजपा विधायक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट। फाइल फोटो

नई दिल्ली, प्रेट्र। भाजपा के 12 विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा में पीठासीन अधिकारी से बदसलूकी करने के आरोप में अपने एक साल के निलंबन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अधिवक्ता अभिकल्प प्रताप सिंह ने गुरुवार को इन भाजपा विधायकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि इन विधायकों ने उन्हें एक साल के लिए निलंबित करने वाले प्रस्ताव को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी है। उल्लेखनीय है कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर में पीठासीन अधिकारी के साथ बदसलूकी करने के राज्य सरकार के लगाए आरोप के बाद विगत पांच जुलाई को विधानसभा में एक साल के लिए निलंबित किया गया है। यह 12 निलंबित सदस्य संजय कुते, आशीष शेलर, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटखल्कर, पराग अलवानी, हरीश पिंपाले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भंगदिया हैं।

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महाराष्ट्र की विधानसभा मामलों के मंत्री अनिल परब इन विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव लाए थे, जिसे ध्वनि मत से पारित किया गया था। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडनवीस ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि जाधव की घटना को लेकर एकतरफा सुनवाई हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा का कोई भी किसी पीठासीन अधिकारी के साथ बदसलूकी नहीं कर सकता है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को कम करने की साजिश के चलते इतना झूठा आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि हमने स्थानीय निकायों में ओबीसी कोटा को लेकर सरकार के झूठ को बेनकाब किया है। इस बीच, जाधव ने पलटवार करते हुए कहा कि उन पर गलत भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया है। सीसीटीवी फुटेज में जांच लें, अगर मैंने गलत भाषा का प्रयोग किया है तो मैं किसी भी सजा का सामना करने को तैयार हूं। इस मामले को लेकर प्रदेश में खूब राजनीति हो रही है।


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