100 करोड़ वसूली मामला: परमबीर सिंह के खिलाफ मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित
100 Crore Recovery Case मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ठाकरे को पत्र लिखने के बाद सिंह के खिलाफ छह मामले दर्ज किए गए थे।
ठाणे, एएनआइ। ठाणे पुलिस आयुक्त (Thane police commissioner) ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह (Parambir Singh) के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के एक मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) स्तर के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। इस बीच, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ने सोनू जालान (Sonu Jalan) ने ठाणे के एक पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज एक शिकायत के संबंध में अपना बयान सौंपा।
बता दें कि सिंह ने एस्प्लेनेड मजिस्ट्रेट की अदालत में अपने खिलाफ एक अदालती उद्घोषणा आदेश को रद करने के लिए एक आवेदन भी दायर किया था, जिसमें उन्हें "फरार" घोषित किया गया था। इस मामले में 29 नवंबर में कोर्ट में सुनवाई होगी।
मुंबई की एक अदालत में फरार घोषित परमबीर सिंह 100 करोड़ जबरन वसूली मामले की जांच में शाामिल होने के लिए कांदिवली में अपराध शाखा इकाई 11 कार्यालय पहुंचे थे। राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री और वरिष्ठ राकांपा नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखने के बाद परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के छह मामले दर्ज किए गए थे।
इसके बाद 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह को 17 मार्च को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था और देशमुख के खिलाफ आरोप लगाने के बाद उन्हें महाराष्ट्र राज्य होम गार्ड का जनरल कमांडर बनाया गया था।