100 करोड़ वसूली मामला: जांच के लिए NIA कार्यालय पहुंचे CBI अधिकारी
Anil Deshmukh Case मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाये गए आरोपों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी एनआईए कार्यालय पहुंच गए हैं।
मुंबई,एएनआइ। 100 करोड़ की वसूली मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह (Param Bir Singh) द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर लगाये गए आरोपों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अधिकारी एनआईए (NIA) कार्यालय पहुंच चुके हैं। बता दें कि इस मामले में चल रही जांच को लेकर सीबीआइ ने वीरवार को भी परमबीर सिंह का बयान दर्ज किया था।
इससे पूर्व एंटीलिया मामले (Antilia Case) और मनसुख हत्याकांड (Mansukh Murder Caae) को लेकर जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह एवं कभी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे प्रदीप शर्मा (Pradeep sharma) से भी लंबी जांच पड़ताल की थी। वहीं दूसरी ओर इस बारे में मुंबई पुलिस द्वारा सरकार को भेजी गई एक गोपनीय जांच रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सचिन वाझे के निलंबन को वापस लेकर उन्हें सीआइयू प्रमुख बनाने का फैसला भी परमबीर सिंह का ही था।
गौरतलब है कि बुधवार को एनआइए ने पूछताछ के लिए प्रदीप शर्मा को बुलाया था उनका नाम पहली मार इस मामले में सामने आया है। ज्ञात हो कि 2004 में सचिन वाझे, प्रदीप शर्मा के नेतृत्ववाली अंधेरी सीआइयू यूनिट में काम करता था। मनसुख हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया विनायक शिंदे भी प्रदीप शर्मा के साथ लखन भैया फर्जी एनकाउंटर कांड में शामिल था। शिंदे को तो आजीवन कारावास की सजा हो गई थी लेकिन प्रदीप शर्मा को बाइज्जत बरी कर दिया गया था। बता दें कि प्रदीप शर्मा फिलहाल शिवसेना के नेता हैं और नालासोपारा इलाके से 2019 का विधानसभा चुनाव शिवसेना के टिकट पर लड़ चुके हैं। यहीं पर मनसुख हिरेन की हत्या की आशंका व्यक्त की गई थी।