Mahakal Temple: गर्भगृह में प्रवेश के लिए आम लोगों को करना पड़ रहा लंबा इंतजार, प्रशासन के इंतजाम हुए फेल
महाकाल मंदिर में सामान्य दर्शनार्थियों को लेकर किए गए इंतजाम फेल होने लगे हैं। महाकाल ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने के लिए सामान्य दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश करने में तीन से चार घंटे का समय लग रहा है।
उज्जैन, राज्य ब्यूरो। महाकाल मंदिर में सामान्य दर्शनार्थियों को लेकर किए गए इंतजाम फेल होने लगे हैं। महाकाल ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने के लिए सामान्य दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश करने में तीन से चार घंटे का समय लग रहा है। कई घंटों तक कतार में खड़े रहने से महिला, बच्चे और बुजुर्ग दर्शनार्थी परेशान हो रहे हैं।
दर्शन करने में लोगों को क्यों हो रही है परेशानी?
बता दें कि मंदिर समिति द्वारा मंगलवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक भक्तों को गर्भगृह से भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाते हैं। हालांकि, गर्भगृह से दर्शन की शुरुआत होते ही लाइन धीमी हो जाती है।
इसके पीछे की वजह बताया जा रहा है कि गर्भगृह में श्रद्धालु भगवान को स्पर्श करने रुक जाते हैं, जिस कारण से दर्शानार्थियों को काफी समय लगता है। शुक्रवार को भी सैकड़ों भक्त लंबी कतारों में लगे परेशान होते रहे।
पुजारियों ने जताई नाराजगी
इस मामले में शहर के संत व पुजारियों ने नाराजी व्यक्त की है। निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी सुमनानंद गिरि महाराज ने कहा कि महाकालेश्वर मंदिर में सामान्य श्रद्धालु, साधु संत आदि के साथ दोहरा व्यवहार किया जा रहा है। वहीं, उज्जैन में महाकाल मंदिर समिति वीआईपी के साथ आने वाले लोगों को बिना किसी शुल्क के मंदिर में प्रवेश दे रही है, जबकि साधु-संतों के साथ आने वालों श्रद्धालुओं से जल्दी दर्शन के लिए 250 रुपये शुल्क वसूला जा रहा है।
निर्धारित समय से पहले बंद हो जाता है प्रवेश
इसके साथ ही मंदिर समिति ने सप्ताह में चार दिन दोपहर में आम दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश देने की व्यवस्था की है, लेकिन अधिकांश दिन निर्धारित समय से पहले प्रवेश बंद कर दिया जाता है। सामान्य दर्शनार्थियों के समय में लाइन रोककर वीआइपी को दर्शन कराए जाते हैं।
दो सालों में हुई हैं कई बदलाव
इधर, बीते दो साल से दर्शन व्यवस्था में कई बार बदलाव किए जा चुके हैं। सोमवार से समिति एक माह के लिए फिर से दर्शन व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। अब भक्तों को नवनिर्मित टनल से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। बार-बार व्यवस्था में बदलाव से भक्त परेशान हो रहे हैं।
अधिकारियों का कहना है कि निर्माण कार्यों के चलते व्यवस्थाओं में बदलाव करना मजबूरी है। महाकाल महालोक के दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद ही स्थायी व्यवस्था लागू हो पाएगी।