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शहरों की चमक छोड़ गांवों की ओर कूच करेगी विहिप

जबलपुर में हाल ही में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी और प्रन्यासी मंडल की बैठक में इस मुद्दे पर प्लानिंग हुई।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2015 09:00 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2015 09:07 PM (IST)
शहरों की चमक छोड़ गांवों की ओर कूच करेगी विहिप

पंकज तिवारी, जबलपुर। विश्व हिंदू परिषद संगठन को मजबूत करने में जुट गई है। राममंदिर निर्माण को लेकर 4 दशक तक संघर्ष करने वाले विहिप के नायक रहे अशोक सिंघल के निधन के बाद अब हिंदुत्व ब्रांड को बरकरार रखना संगठन को चुनौती लग रहा है।

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विहिप के आला नेताओं का मानना है कि शहरी चकाचौंध से निकलकर गांव में पैठ बनानी होगी, क्योंकि 70 फीसदी आबादी अभी भी गांव में है। इसमें सिर्फ 15 फीसदी में ही संगठन पहुंच सका है। जबलपुर में हाल ही में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी और प्रन्यासी मंडल की बैठक में इस मुद्दे पर प्लानिंग हुई। इसमें एक साल में 1 लाख गांवों में संगठन को खड़ा करने का लक्ष्य तय किया गया।


ऐसे पहुंचेगी विहिप गांव में-
- गांव-गांव में मंडली बनाकर भजन करवाना।
- रामनवमी के की शोभा यात्राएं हर गांव में निकाली जाएंगी।
-छुआछूत की पंरम्परा को खत्मकर सामाजिक समरसता की जागरूकता फैलाना।
- सावर्जनिक पानी एक कुआं-तालाब से ही उपयोग करने पर जोर।
-गो-वंश का प्रमोशन ग्रामीण क्षेत्रों में करना। धार्मिक महात्व बताना।
-हिंदू परिवारों के बच्चों को शिक्षा और रोजगार से जुड़े कार्यों को बढ़ावा देना।
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मोदी सरकार की भी ब्रांडिंग
विहिप ने पहली बार केन्द्रीय बैठक में मौजूदा मोदी सरकार की ब्रांडिंग को लेकर भी योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक विहिप गांव में संगठन को मजबूत बनाने के अलावा मोदी सरकारी की योजनाओं का भी प्रमोशन करेगी। ग्राम स्वच्छता अभियान को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
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मंदिर आंदोलन पर जून में फैसला
विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर निमार्ण के आंदोलन को किस तरह आगे बढ़ाया जाए। धार्मिकरूप से हिंदू सामाज को इससे जोड़ा जाए। ऐसी तामाम बातों पर जून 2016 में संत समाज फैसला करेगा। कार्यकारिणी की बैठक में यह बात तय हुई। बैठक कहां होगी इसको लेकर कुछ स्पष्ठ संकेत नहीं मिल पाए।
गांव का रुख क्यों-
6 लाख गांव देश में
58 हजार गांवों में विहिप का संगठन
70 फीसदी देश की आबादी गांव में
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4 दिन गांव पर जोर
- 25 से 28 दिसंबर तक जबलपुर के अग्रसेन मंडपम् में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सबसे ज्यादा चर्चा गांव को लेकर हुई। धर्मातंरण और गौरक्षा को लेकर भी गांव में ज्यादा सक्रिय होने पर जोर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.प्रवीण तोगड़िया और अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष राघव रेड्डी ने भी इस दौरान कई दफा सार्वजनिक रूप से संगठन को गांवों तक पहुंचाने की बात कही।


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