स्पाइस जेट की मुंबई-दिल्ली उड़ान बंद, त्योहार के समय पैसेंजर की बढ़ेगी परेशानी
दशहरा और दीवाली पर मुंबई और दिल्ली से बड़ी संख्या पैसेंजर आते हैं लेकिन अब उड़ान बंद होने से उन्हें इंडिगों की विमान सेवा के भरोसे रहना होगा। वर्तमान में जबलपुर से दिल्ली मुंबई बेंगलुरु हैदराबाद बिलासपुर इंदौर और जगदलपुर के लिए उड़ानें हैं। इंदौर विमानतल से लगभग 95 घरेलू उड़ानें हैं। भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट से सात से अधिक उड़ान हैं।
जेएनएन, जबलपुर। डुमना विमान तल से उड़ानों की संख्या बढ़ने की बजाए कम हो रही है। स्पाइस जेट ने दिल्ली और मुंबई की विमान सेवा बंद कर दी है। कंपनी ने एयरपोर्ट से भी अपना सारा कामकाज समेट लिया है। स्पाइस जेट हफ्ते में दिल्ली के लिए दो और मुंबई के लिए एक उड़ान संचालित करता था।
बता दें कि दशहरा और दीवाली पर मुंबई और दिल्ली से बड़ी संख्या पैसेंजर आते हैं लेकिन अब उड़ान बंद होने से उन्हें इंडिगों की विमान सेवा के भरोसे रहना होगा। वर्तमान में जबलपुर से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, बिलासपुर, इंदौर और जगदलपुर के लिए उड़ानें हैं।
अब जबलपुर से प्रतिदिन सिर्फ पांच उड़ान
जबलपुर की हो रही उपेक्षा-विमानों की आवाजाही को लेकर प्रदेश के चार बड़े महानगरों में जबलपुर विमानतल की स्थिति सबसे अधिक खराब है। यहां महानगरों से कनेक्टिविटी नहीं होने से फ्लार्यस परेशान हैं। इंदौर विमानतल से लगभग 95 घरेलू उड़ानें हैं। भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट से सात से अधिक उड़ान हैं। ग्वालियर से भी 33 से ज्यादा विमान उड़ान भरते हैं जबकि जबलपुर से प्रतिदिन सिर्फ पांच उड़ान रह गई हैं।
कोरोना काल के पूर्व डुमना एयरपोर्ट से प्रतिदिन 12 से ज्यादा उड़ानें थीं।कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति से पिछड़े हम-प्रदेश में इंदौर, भोपाल और ग्वालियर के जनप्रतिनिधि लगातार विमान सेवाओं के विस्तार को लेकर सक्रिय रहते हैं। कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण जबलपुर काफी पिछड़ गया है।
कभी जबलपुर से अपने विमानों का संचालन करने वाली स्पाइस जेट, डेक्कन एयरवेज और एयर अलायंस जैसी विमानन कंपनियों ने जबलपुर से अपना कारोबार समेट लिया है।
नई उड़ानें आरंभ नहीं हो पाईं
हाल ही में कई विमान कंपनियों ने फ्लायर्स की संख्या कम होने पर भी ग्वालियर से उड़ाने शुरू की, जबकि जबलपुर से प्रत्येक रूट के अच्छी आक्यूपेंसी होने के बावजूद यहां से नई उड़ानें आरंभ नहीं हो पाईं। जबलपुर में सभी विमानों में यात्रियों की संख्या अच्छी रही है यहां से आने-जाने वाले विमानों की 70 से 80 प्रतिशत सीटें भरी रहती थीं।