14 लाख रुपए रिश्वत देकर आरक्षक से बना एसआई
जबलपुर। हवलदार के पद पर कार्यरत पिता की ड्यूटी के दौरान मौत हो जाने पर पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी, प्रक्रिया में उसे आरक्षक के पद पर भर्ती होना था पर उसे सीधे एसआई बना दिया गया था। यह सब 14 लाख रुपयों की चमक के कारण संभव हुआ था। इस बात का खुलासा रिश्वत लेते पकड़े गए आरपीएफ के एसआई ने पूछताछ के दौरान सीबीआई के समक्ष किया है।
आरपीएफ एसआई भोलानाथ यादव को सीबीआई ने 29 अक्टूबर की रात करीब 10 बजे रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। गिरफ्तार होने के बाद उसे कोर्ट से रिमांड पर लेकर कड़ी पूछताछ की गई। रिमांड में जो बयान भोलानाथ ने दिए है उसकी जांच भी शुरु कर दी गई है। यह जांच सीबीआई एसपी मनीष सुरती के निर्देशन में की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के समक्ष आरोपी आरपीएफ एसआई भोलानाथ यादव ने खुलासा किया कि उसे आरक्षक के पद पर नियुक्ति मिली थी। लेकिन अफसरों ने उससे 14 लाख रुपए लिए और आरक्षक से सीधे उसे एसआई बना दिया था। नौकरी के लिए जो कर्ज उसने लिया था उसे चुकाने के लिए उसने 20 लाख रुपए की डिमांड की थी। सतना का कबाडी नारायण आसवानी उर्फ लालू कबाडी उसे उक्त रकम देने राजी हो गया था। चूंकि वह कबाड़ी रेलवे का लोहा चोरी करवाता है और यादव के पास उसके खिलाफ काफी सबूत भी थे। भोलानाथ यादव के बयान में बाद आरपीएफ अफसर जांच के घेरे में आ गए हैं।
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