शहला मसूद हत्याकांड में जाहिदा, सबा सहित चार को उम्रकैद
भोपाल में साढ़े पांच साल पहले हुए बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड में सीबीआइ कोर्ट ने चार आरोपियों को आजीवन कारावास पांचवें आरोपी को क्षमा दान दे दिया।
नईदुनिया, इंदौर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में साढ़े पांच साल पहले हुए बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड में सीबीआइ कोर्ट ने शनिवार को चार आरोपियों जाहिदा परवेज, सबा फारखी, शाकिब अली उर्फ डेंजर और ताबिश खान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सीबीआइ के गवाह बने पांचवें आरोपी इरफान को कोर्ट ने क्षमा दान दे दिया।
कोर्ट ने कहा कि हत्याकांड की मास्टरमाइंड जाहिदा परवेज तत्कालीन विधायक ध्रुवनारायण सिंह से प्रेम करती थी। विवाह के बाद संबंध और शारीरिक हवस के लिए जाहिदा पागलपन की हद तक पहुंच गई थी। ध्रुव से शहला की नजदीकी से नाराज जाहिदा ने सुपारी देकर शहला की हत्या कराई थी।
गौरतलब है कि 16 अगस्त 2011 को सुबह करीब 11.20 बजे शहला मसूद जैसे ही भोपाल के कोहेफिजा स्थित घर से ऑफिस जाने के लिए कार में सवार हुई, उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के तीसरे दिन यानी 19 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीबीआइ जांच की घोषणा की। छह महीने की जांच के बाद पहली गिरफ्तारी जाहिदा परवेज की हुई। जाहिदा ने बताया कि उसने शहला की हत्या के लिए शाकिब से शूटर बुलवाए थे। फिर एक के बाद एक पांच लोगों को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया और 25 मई 2012 को 4400 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी।
लालच में आरोपी इरफान ने किया मामले का पर्दाफाश
शहला मसूद हत्याकांड अनसुलझा ही रहता, अगर आरोपी इरफान खुद कानपुर एसटीएफ के पास जाकर मामले का खुलासा नहीं करता। सूत्रों के मुताबिक, कानपुर के हिस्ट्रीसीटर बदमाश ने स्मैक के नशे और 10 लाख के इनाम के लालच में एसटीएफ को सारी कहानी बयां कर दी। खुलासा करने के लिए उसने दो शर्तें रखीं- पहली, उसे सरकारी गवाह बनाया जाए और दूसरी, उसे इनाम के 10 लाख मिले। इसमें पहली शर्त तो सीबीआइ ने मान ली, लेकिन दूसरी शर्त का मामला अभी भी रहस्य है। सीबीआइ के वकील अतुल कुमार बताते हैं कि सीबीआइ की डायरी में इनाम से संबंधित कोई भी बात या तथ्य मौजूद नहीं है। सरकारी गवाह बनकर केस की परतें खोलने के कारण ही सीबीआइ कोर्ट ने उसे क्षमा याचना दे दी। सीबीआइ के अनुसार इरफान ने शहला को गोली मारी, जबकि कोर्ट के फैसले में ताबिश खान के गोली मारने का जिक्र है।
किस पर क्या आरोप साबित
जाहिदा परवेज
-सजा : उम्रकैद और एक हजार अर्थदंड
-साबित आरोप : जाहिदा परवेज ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर शहला मसूद की हत्या की योजना बनाई। सह आरोपी शाकिब को हत्या के लिए सुपारी दी।
सबा फारकी
-सजा : उम्रकैद और डेढ़ हजार रुपये अर्थदंड
-साबित आरोप : जाहिदा के साथ हत्या के षड्यंत्र में शामिल थी। सुबूत नष्ट करते हुए हत्या में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल का रंग बदला और उसे लावारिस स्थान पर छोड़ दिया।
शाकिब अली
-सजा : उम्रकैद, तीन हजार रुपये अर्थदंड
-साबित आरोप : जाहिदा से शहला की हत्या की सुपारी ली। साजिश को अंजाम देने के लिए दो साथियों को इसमें शामिल किया। उन्हें देसी कट्टा और कारतूस उपलब्ध कराए।
ताबिश खान
-सजा: आजीवन कारावास, तीन हजार अर्थदंड
-साबित आरोप : गोली मारकर शहला की हत्या की। बगैर लाइसेंस हथियार अपने पास रखा।