चिडिय़ाघर में बा़डे की जाली ता़ेड दर्शकों के बीच आई बाघिन
चिडिय़ाघर में रविवार को दर्शकों और कर्मचारियों में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब पिंजरे के बाहर टहल रही ड़ेढ साल की बाघिन बा़डे की जाली ता़ेडकर दर्शकों के बीच आ गई।
इंदौर, ब्यूरो। चिडिय़ाघर में रविवार को दर्शकों और कर्मचारियों में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब पिंजरे के बाहर टहल रही ड़ेढ साल की बाघिन बा़डे की जाली ता़ेडकर दर्शकों के बीच आ गई। अपने बीच पाकर लोगों में भगद़ड मच गई और कई लोग गिरकर घायल हो गए। इनमें महिलाएं और बच्चे अधिक थे, जिन्हें परिसर में स्थित अस्पताल पहुंचाया। फिर रेस्क्यू करके ड़ेढ घंटे बाद उसे पिंजरे में पहुंचाया। घटना में एक बार फिर चिडिय़ाघर प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई।
घटना शाम करीब छह बजे की है। छुट्टी होने से यहां महिलाओं, बच्चों समेत करीब दो हजार दर्शक थे। सामान्य दिनों की तरह लोग पिंजरे के बाहर बा़डे में घूम रही बाघिन जमना को निहार रहे थे। इसी दौरान किसी दर्शक के हाथों से गुब्बारा फूट गया। आवाज सुन बाघिन पचास मीटर के दायरे में चहलकदमी करते हुए दहा़डने लगी । फिर अचानक छह फीट की नाली को छलांग लगाकर पार करते हुए 12 फीट ऊंची दीवार पर लगी चार फीट की जाली पर कूदी। इस बीच जाली के नीचे उसका पैर फंस गया। इसे निकालने के प्रयास में वह जाली ता़ेडकर जैसे ही बाहर निकली, वहां मौजूद लोग भागने लगे। पुरुष तो मुख्य द्वार से बाहर निकल गए, लेकिन बच्चे और महिलाएं गिरते--प़डते रहे।
कभी झाडि़य़ों में तो कभी प़ेड के पीछे छिपी
घटना का पता चलते ही चिडिय़ाघर कर्मचारी भी पहुंचे। रेस्क्यू टीम के डंडे फटकारने पर बाघिन कभी झाडि़य़ों में तो कभी प़ेड के पीछे छिपती रही। फिर चारों तरफ से उसकी घेराबंदी की गई। चिडिय़ाघर प्रबंधन के मुताबिक बाघिन के पीछे गा़डी लगाकर उसे वापस पिंजरे में लाया गया। डंडे लेकर चिडिय़ाघर के चारों गेट पर कर्मचारियों को तैनात किया गया और आवाजाही रोक दी गई।
बिना ट्रेंकुलाइज पहुंचाया पिंजरे में
बाघिन के बाहर आने के बाद दर्शकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और रेस्क्यू शुरू किया। बिना ट्रेंकुलाइजर का इस्तमाल किए उसे फिर पिंजरे में ले जाने में सफल हुए डॉ. उत्तम यादव, जू प्रभारी।