ग्वालियर, जेएनएन। दुबई से हर साल शशांक दीक्षित मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 112 वर्ष पुरानी रामलीला में हनुमान का अभिनय करने के लिए आते हैं। करीब 18 साल से हनुमान का अभिनय कर रहे शशांक दीक्षित ने अपने आचार और विचार में भी हनुमान को जीना शुरू कर दिया है। मुरार में करीब एक सदी पहले से रामलीला का मंचन होता है। इस रामलीला का मंचन समाजसेवी लालाराम उपाध्याय ने शुरू किया था। इस रामलीला में स्थानीय लोग अपनी इच्छानुसार अभिनय करते हैं। इस रामलीला में शशांक दीक्षित 2024 से हनुमान का अभिनय कर रहे हैं। 2019 में शशांक दीक्षित की दुबई में स्टार ट्रेडिंग कंपनी में नौकरी लग गई, लेकिन वह सितंबर में दीपावली तक छुट्टी लेकर हर साल यहां आते हैं।
हर व्यक्ति में होती है श्रीराम की अनुभूति
शशांक दीक्षित ने बताया कि हनुमान का अभिनय करना तभी संभव हो पाया, जब उन्होंने हनुमान के भक्तिभाव को जीवन में उतार लिया। वह नित्य सुंदरकांड का पाठ करते हैं। इसका असर उनके जीवन में भी है। अब उन्हें क्रोध नहीं आता है और उनके व्यवहार में भी नम्रता आ गई है। जब भी कोई गत कार्य होने वाला होता है तो अंदर से ही उस कार्य से दूर होने और नहीं करने की भावना पैदा हो जाती है। वह व्यसनों से दूर हैं। उनके मुताबिक, रामलीला में हनुमान की भूमिका को निभाते हुए अब हर व्यक्ति में श्रीराम की अनुभूति होने लगी है, क्योंकि इस सृष्टि में सभी ब्रह्मा के ही अंश हैं।
यहां की रामलीला में विवाह के बाद नहीं करते भगवान राम का अभिनय
यहां की रामलीला में नियम है कि भगवान राम और लक्ष्मण का किरदार विवाह के बाद नहीं निभाया जाता है। लालाराम उपाध्याय के परिवार की पांचवीं पीढ़ी के प्रशांत उपाध्याय भगवान राम का किरदार निभा रहे हैं और वह अभी अविवाहित हैं। गौरतलब है कि यहां की रामलीला काफी चर्चित है। यहां की रामलीला देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है।