बनाया ऐसा लर्निंग सॉफ्टवेयर, जो बच्चों को बना रहा है काबिल
ज्योति गर्ग कहती हैं कि उनकी कंपनी ऐसे स्कूलों के लिए लर्निंग बेस्ड सॉफ्टवेयर तैयार करती है जहां पर संसाधनों की कमी है।
इंदौर। शिक्षा पर सभी का समान अधिकार होना चाहिए। हर तबके के बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलेगी तभी वह भविष्य में वे किसी दूसरे स्कूल के छात्रों के बराबर खुद को पाएंगे, इसीलिए हम मुंबई बेस्ड एक कंपनी को सपोर्ट करते हैं। यह मानना है इंदौर की उद्यमी ज्योति गर्ग का, वह अपनी कंपनी के जरिए ऐसी संस्था की मदद देती है। ज्योति गर्ग की कंपनी यह अनूठी पहल कर रही है, वह पिछड़े स्कूलों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाती है। ज्योति गर्ग कहती हैं कि उनकी कंपनी ऐसे स्कूलों के लिए लर्निंग बेस्ड सॉफ्टवेयर तैयार करती है जहां पर संसाधनों की कमी है।
इसमें सॉफ्टवेयर के जरिए बच्चों को किताबी दुनिया से बाहर निकाल कर नए तरीकों से शिक्षित करने की व्यवस्था करते हैं। हम कभी इस बात में भी दखल नहीं देते हैं कि कंपनी उस सिस्टम को किसी स्कूल विशेष में लगाए। हमने सॉफ्टवेयर और उसके काम करने का तरीका देखा है। इस कारण उनके काम में कोई दखलअंदाजी नहीं करते हैं , सॉफ्टवेयर के निर्माण में आने वाले खर्च को वहन करते हैं। कंपनी ने मध्य प्रदेश के उज्जैन, होशंगाबाद समेत कई जिलों के स्कूलों को इस सॉफ्टवेयर के जरिए हाइटेक बनाया है।
शीर्ष 100 उद्यमियों में शामिल
गार्लिको इंडस्ट्रीज लिमिटेड की डायरेक्टर ज्योति गर्ग साल 2014 में देश की सर्वश्रेष्ठ 100 एसएमई उद्यमियों में शामिल हो चुकी हैं। देशभर से करीब 62 हजार उद्यमियों के बीच उन्होंने अपनी यह जगह बनाई थी। इंडिया एसएमई फोरम ने ज्योति गर्ग का चुनाव देश के 100 एसएमई उद्यमियों में किया था।