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सफाई के बाद सफेद पैसे में भी नंबर वन बना इंदौर

आयकर जुटाने के मामले में सचमुच इंदौर देश में नंबर वन बन गया है। वित्त 2017-18 में इंदौर परिक्षेत्र में इतिहास का सबसे ज्यादा आयकर जमा हुआ।

By Krishan KumarEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 06:00 AM (IST)
सफाई के बाद सफेद पैसे में भी नंबर वन बना इंदौर

वर्ष 2017 का मई माह, इसी माह इंदौर पहली बार स्वच्छता में नंबर वन बना। सफाई में अव्वल दर्जा मिलने के एक महीने बाद 29 जून को इंदौर परिक्षेत्र के मुख्य आयकर आयुक्त के तौर पर भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी अजय कुमार चौहान ने इनकम टैक्स इंदौर की कमान संभाली। कुर्सी पर बैठने के बमुश्किल महीनेभर बाद 25 जुलाई 2017 को आयकर दिवस समारोह में शपथ ली कि इंदौर को सफेद धन यानी आयकर के मामले में भी नंबर वन बनाना है। सुनने वालों को तब शपथ औपचारिक और अमल संभवत: असंभव लगा।

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आठ महीने बाद ही शपथ को औपचारिक लक्ष्य को असंभव मानने वालों की आंखें फटी रह गईं जब ऐलान हुआ कि आयकर जुटाने के मामले में सचमुच इंदौर देश में नंबर वन बन गया है। वित्त 2017-18 में इंदौर परिक्षेत्र में इतिहास का सबसे ज्यादा आयकर जमा हुआ।

इतना ही नहीं, देश के अन्य शहरों में सबसे ज्यादा और राष्ट्रीय औसत से दोगुना आयकर वृद्धि की दर इंदौर ने हासिल कर ली। इस चुनौती भरे लक्ष्य को नामुमकिन से समय में हासिल करने की कहानी को देश के वित्तीय फलक पर साकार करने के इंदौर के कारनामे के असल नायक चीफ कमिश्नर चौहान ही हैं।

उनके कार्यकाल में एक वर्ष में आयकर इंदौर का चेहरा और तरीका भी कई मायनों में बदलता और करदाताओं के ज्यादा करीब जाता नजर आया। पहली बार इसी वर्ष ऐसा हुआ कि आयकर के चीफ कमिश्नर का शहर में नागरिक अभिनंदन हुआ। कभी विभाग से दूरी बनाए रखने वाले कारोबारी पहली बार विभाग के मुखिया को अभिनंदन-पत्र देते नजर आए।

चौहान ने नारा दिया कि हम अकाउंटेबिलिटी के साथ ट्रांसपरेंट और रिस्पॉन्सिबल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन बनाएंगे। इसी के साथ मुहिम शुरू हुई तो नोटबंदी के दौर के नोटिसों के कड़वे अनुभव का अहसास समेटे करदाताओं को आयकर संग्रहण और आयकर विस्तार योजना के जरिए विभाग से जोड़ने का काम शुरू हुआ।

आयकर इंदौर को वित्त वर्ष 2017-18 में पहले 1,948 करोड़ रुपए कर जुटाने का लक्ष्य मिला था। आधा वित्त वर्ष बीतने के बाद लक्ष्य में करीब दो हजार करोड़ की वृद्धि कर दी गई। बाद में इंदौर के लिए लक्ष्य 2,173 करोड़ रुपए जुटाने का कर दिया गया।

फरवरी 2018 तक विभाग के खाते में 1300 करोड़ ही जमा हुए थे। चौहान ने रणनीति बदली। लोगों को प्रेरित किया कि वे स्वप्रेरणा से कर जमा करें। कर जमा करने की जागरूकता फैलाने के लिए पहली बार स्कूल से लेकर दफ्तरों तक आयकर विभाग के अधिकारी खुद लोगों के पास जाकर उन्हें कर देकर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनने की अपील करते नजर आए।

पहली बार आयकर ने टैक्स जमा करने की आखिरी तारीख बीतने से पहले गली-मोहल्लों में प्रचार करने वाली गाड़ियां दौड़ा दीं। नतीजा कुछ यूं हुआ कि इंदौर को दिए गए 2,173 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 2,257 करोड़ रुपए आयकर जमा कर लिया गया। यानी लक्ष्य से भी काफी ज्यादा। आयकर वृद्धि की इंदौर की दर 43.9 प्रतिशत रही जो देश के औसत के मुकाबले दोगुना है।

स्वप्रेरणा से आयकर के प्रति जागरूकता का नतीजा रहा कि इस वित्त वर्ष में 31 मार्च 2018 तक इंदौर क्षेत्र में कुल 1 लाख 63 हजार 392 नए करदाता जुड़े, जबकि सीबीडीटी ने 1 लाख 57 हजार नए करदाता जोड़ने का लक्ष्य दिया था।

लक्ष्य को हासिल करने के लिए आयकर ने कर चोरों पर सख्ती से भी परहेज नहीं किया। मार्च में ही विभाग ने एक के बाद एक 50 सर्वे-छापों की कार्रवाई की। अब इंदौर परिक्षेत्र में 10 लाख से ज्यादा करदाता हैं जो मप्र में सबसे ज्यादा है। यानी स्वच्छता के साथ स्वच्छ धन की मिसाल भी इंदौर बन चुका है।

- अजय कुमार चौहान, चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स

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