Kanhaiya Kumar: कैलाश विजयवर्गीय ने कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने पर कसा तंज, कहा-गटर से निकले नाले में फंसे
Madhya Pradesh पूर्व सीपीआइ नेता कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने पर कैलाश विजयवर्गीय ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर कोई गटर से निकल कर नाले में गिर जाता है तो मुझे उससे सहानुभूति ही हो सकती है।
इंदौर, एएनआइ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व सीपीआइ नेता कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर कोई गटर से निकल कर नाले में गिर जाता है, तो मुझे उससे सहानुभूति ही हो सकती है। गौरतलब है कि पूर्व में कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (भाकपा) से जुड़े छात्र नेता कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कन्हैया पिछले दिनों में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिल चुके हैं। पार्टी मानती है कि कन्हैया कांग्रेस के हाथ मजबूत करेंगे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्हैया ने लोकतंत्र बचाने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नहीं बची तो लोकतंत्र नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में इसलिए शामिल हुए, क्योंकि कांग्रेस महात्मा गांधी, बाबा साहेब आंबेडकर, सरोजनी नायडू की विरासत को लेकर चल रही है।
इधर, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कन्हैया को अभिव्यक्ति की आजादी के योद्धा का प्रतीक बताया और भरोसा जताया कि उनके आने से पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित होंगे। उधर, मनीष तिवारी के ट्वीट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की टोली कुछ और सोचती है। तिवारी जी-23 समूह के नेताओं में शामिल रहे हैं। उनका पहला ट्वीट तब हुआ, जब कन्हैया के आने की अटकलें चल रही थीं। उन्होंने इशारों-इशारों में तंज किया। उन्होंने कहा 1973 में एक किताब लिखी गई थी, जिसका नाम था 'कम्युनिस्ट इन कांग्रेस'। मैंने इसे आज फिर से पढ़ा। उनका कहना था कि चीजें जितनी ज्यादा बदलती हैं वे उतनी ही पुराने स्वरूप में आ जाती हैं। गौरतलब है कि कन्हैया 2019 में भाकपा के टिकट पर बिहार की बेगूसराय सीट से लड़े थे। इस बीच, कन्हैया के भाकपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने पर पार्टी महासचिव डी.राजा ने कहा कि कन्हैया कुमार ने खुद को भाकपा से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व के साथ सच्चे नहीं थे। राजा ने कहा कि उन्होंने खुद को पार्टी से निकाल दिया। कन्हैया के पार्टी में आने से बहुत पहले से भाकपा मौजूद थी और उनके जाने के बाद भी बनी रहेगी