Indore: Startup के लिए IIT इंदौर में शुरू हुआ बूट कैम्प, अमेरिका भी कर रहा है भारत की मदद
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर में शुरू हुए बूट कैम्प में स्टार्टअप के सपनों को सहारा दे रहे हैं। ये अपने अनुभव से बता रहे हैं कि बाजार की किस गुत्थी को कैसे कब और क्यों सुलझाना जरूरी है।
इंदौर, जेएनएन। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर ने तय किया है कि शिक्षा के साथ उद्योगों और स्टार्टअप को भी साथ में लेकर कार्य किए जाएंगे। किसी भी क्षेत्र को शोध से संबंधित कोई सहायता की जरूरत है, तो उसमें आइआइटी अपना पूरा योगदान देगा। संस्थान अब इंदौर सहित बाहर के स्टार्टअप को भी सक्षम बनाने पर जोर दे रहा है। इसके लिए दृष्टि सीपीएस फाउंडेशन के तहत कई कार्य किए जा रहे हैं। इससे जिस तरह के परिणाम सामने आ रहे हैं, उन्हें देखकर कहा जा सकता है कि कुछ सालों में कई स्टार्टअप अपने उत्पादों के साथ बाजार में पहुंच बना सकेंगे।
यह विश्वास है आइआइटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी का। सोमवार से आइआइटी इंदौर में दृष्टि सीपीएस फाउंडेशन का बूट कैंप स्टार्टअप कार्यक्रम शुरू हुआ। दो दिवसीय कार्यक्रम में देशभर के 14 स्टार्टअप के संचालक शामिल हुए। इस दौरान आइआइटी के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर और विशेषज्ञों ने स्टार्टअप को अपने उत्पादों को बेहतर करने के बारे में विभिन्न जानकारी दी।
अमेरिका भी कर रहा है भारत के स्टार्टअप को मदद
कार्यक्रम में अमेरिकी दूतावास द्वारा भारत में स्थापित किए गए नेक्सस इंक्यूबेशन केंद्र के कार्यकारी निदेशक एरिक अजुले, साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पाक्स आफ इंडिया के अतिरिक्त निदेशक एसएच अब्बास मेहंदी और वेंचर कैपिटलिस्ट जय जैन शामिल हुए। एरिक अतुले ने भी स्टार्टअप को बताया कि किस तरह से अमेरिकी सरकार भारत के स्टार्टअप को विश्व पटल पर लाने में मदद कर रही है।
भारत के जो स्टार्टअप ऐसे उत्पाद बना रहे या ऐसी सेवाएं दे रहे हैं, जो अमेरिका व अन्य देशों की जरूरत पूरी कर रही हैं, उन्हें आगे बढ़ाया जा रहा है। कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों और स्टार्टअप संचालकों के बीच विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।
आइआइटी इंदौर के दृष्टि सीपीएस फाउंडेशन के सीईओ आदित्य एसजी व्यास ने बताया कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम का मकसद स्टार्टअप, उद्योग, प्रोफेसर्स, विशेषज्ञों और अन्य सभी सदस्य, जो अपने स्तर पर स्टार्टअप द्वारा किए जा रहे कार्यों को बेहतर करने में योगदान दे रहे हैं, उन्हें मिलाना और ज्ञान का आदान-प्रदान करना है। आइआइटी ने हाल ही में देश के जिन 14 स्टार्टअप को फंडिंग के लिए चुना है, उन्हें आइआइटी की लैब और अन्य सुविधाएं बताई जा रही हैं।
यदि उन्हें अपने उत्पाद या सेवाओं को बेहतर करने में संस्थान की कोई जरूरत पड़ती है, तो वे ले सकते हैं। दो दिवसीय बूट कैंप कार्यक्रम में कृषि, हेल्थकेयर, स्मार्ट सिटी, शिक्षा और इंडस्ट्री 4.0 आधारित स्टार्टअप किस तरह कार्य कर रहे हैं, इसकी जानकारी दी गई। कार्यक्रम में इंदौर की हेल्थकेयर इंडस्ट्री सहित अन्य क्षेत्रों के उद्योगों के संचालकों को भी आमंत्रित किया गया।