Indore: रात दो बजे खुली एसीपी कोर्ट, गुंडों के आगे नतमस्तक दिखी पुलिस; आरोपितों को दी जमानत
Indore Police इंदौर पुलिस गुंडागर्दी के आरोपितों से बीते दिन डरी दिखी। जिन आरोपितों को पकड़ने के लिए टीआइ ने कड़ी महनत की उन्हें अफसरों ने छोड़ दिया। आधी रात एसीपी कोर्ट खोलकर आरोपितों को रातोरात जमानत देकर रिहा कर दिया गया।
इंदौर, जेएनएन। Indore Police बीती रात इंदौर पुलिस गुंडो के आगे नतमस्तक दिखी। छोटे-मोटे अपराधियों पर कार्रवाई कर धोंस जमाने वाली पुलिस गुंडागर्दी के आरोपितों से डर गई। जिन आरोपितों को पकड़ने के लिए टीआइ ने कड़ी महनत की, उन्हें अफसरों ने छोड़ दिया। आधी रात एसीपी कोर्ट खोलकर आरोपितों को रातोरात जमानत देकर रिहा कर दिया गया।
एक आरोपित बड़ा बदमाश
जानकारी के अनुसार एक आरोपित सूचीबद्ध बदमाश है, जबकि दूसरे पर पांच प्रकरण दर्ज हैं। उसका वारंट भी निकला है। अब सवाल उठ रहे हैं कि इन्हें रातोरात छोड़ने के लिए कहां से दबाव डाला गया। विजय नगर पुलिस ने गुरुवार रात करणी सेना के जिला अध्यक्ष ऋषिराज सिंह सिसोदिया और रामसिंह दिखित को गिरफ्तार किया था।
आरोपित विजय नगर थाने के पीछे गुंडागर्दी कर रहे थे। ट्रैवल्स संचालक निशवर्धन सिंह के साथ मारपीट की थी। पुलिस ने ऋषिराज व रामसिंह पर धारा 151 के तहत कार्रवाई की। टीआइ रवींद्र गुर्जर से अभद्रता की। गिरफ्तारी की भनक लगते ही अफसरों में हड़कंप मच गया।
बड़े अफसरों पर दबाव बनाने का शक
रात दो बजे विजय नगर एसीपी सोनाक्षी सक्सेना ने कोर्ट खोली और तत्काल इश्तगासा पेश करवाया। एसीपी ने दोनों आरोपितों को देर रात रिहा कर दिया। बताया जा रहा है कि रिहाई के लिए बड़े अफसर दबाव बना रहे थे। ऋषिराज को छोड़ते वक्त थाने के बाहर 100 लोग जमा थे।
ऋषिराज पर वारंट जारी
ऋषिराज के खिलाफ एक वारंट भी मिला है। टीआइ गुर्जर के मुताबिक, पिछले वर्ष मार्च में लवीना जेठवानी की शिकायत पर नंदिनी रनावत पर केस दर्ज हुआ था। ऋषि भी मामले में आरोपित बना, लेकिन पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी नहीं ली। देर रात पुराने केस में वारंट तामील करवाया गया। लवीना की क्रस रोड बिल्डिंग में दुकान पर नंदिनी ने कब्जा कर रखा है।
बदमाशों से क्यों घबराई पुलिस
उधर, ऋषिराज पर पिस्टल से धमकाने का आरोप भी है। ऋषिराज पर लसूड़िया, शिप्रा व विजय नगर में पांच केस दर्ज हैं। रामसिंह भागीरथपुरा पुलिस चौकी का सूचीबद्ध बदमाश है। चौकी प्रभारी जगदीश मालवीय ने कहा, ऋषिराज पर 25 से ज्यादा केस दर्ज हैं। पुलिस ने रामसिंह को भी छोड़ दिया।
फिर विवाद होने पर होगी उल्लंघन की कार्रवाई
डीसीपी जोन-2 अभिषेक आनंद ने कहा कि आरोपितों पर अंतरिम बाउंड ओवर की कार्रवाई की गई है। दोबारा विवाद करने पर उल्लंघन की कार्रवाई होगी। रात में इसलिए जमानत देनी पड़ी।
थाने से जानकारी लेकर कार्रवाई कर रहे हैं
पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने कहा कि पुलिस ने आरोपितों पर धारा 151 के तहत कार्रवाई की थी। इस धारा में थाना प्रभारी को भी जमानत देने का अधिकार है। थाना प्रभारी स्वयं आरोपितों को छोड़ सकते थे, लेकिन एसीपी ने जमानत दी, वह उनका विवेकाधिकार है। रामसिंह दिखित पर कई अपराध दर्ज होने की जानकारी नहीं मिली है। थाने से जानकारी लेकर आगे कार्रवाई कर रहे हैं।