नारायण साई के खिलाफ फैसला सुरक्षित
इंदौर। पुलिस से बचने के लिए सिख वेशभूषषा धारण करने के मामले में नारायण साई के खिलाफ लगे परिवाद को खारिज करने के निचली अदालत के फैसले को कोर्ट ने सुरक्षित रखा है। अपील के बाद इस पर 22 जुलाई को एक बार फिर फैसला होगा।
शुक्रवार को न्यायाधीश एके पालीवाल ने युवा सिख मोर्चा के अध्यक्ष गगनदीपसिंह भाटिया की अपील पर सुनवाई की। उनकी ओर से वकील इंद्रजीतसिंह भाटिया ने पक्ष रखा कि निचली अदालत कहती है 'पग़़डी तो राजा-महाराजा भी पहनते थे और आज भी कई समाज के लोग पहनते हैं। भारतीय संविधान में हर नागरिक को हर वेशभूषषा धारण करने का अधिकार है।' जबकि ऐसा नहीं है। सिख पगड़ी पहनने का तरीका अलग होता है और राजस्थानी अलग तरीके से पगड़ी पहनते हैं। व्यक्ति के समाज और परिवार की पहचान पगड़ी पहनने के तरीके से हो जाती है। रही बात संविधान की तो इसमें धारा-419 में स्पष्ट कहा गया है कि छल के लिए रूप धारण करना अपराध की श्रेणी में आता है। इसमें सजा का प्रावधान भी है। कोर्ट ने तर्क सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है।