दुष्कर्मी करोसिया और प्रेमिका पिंकी को उम्रकैद
इंदौर। माता-पिता से महज 6 हजार रुपए की वसूली के लिए उनकी दस साल की बच्ची को नौकरानी बनाकर रखने और एक माह तक दुष्कर्म करने के मामले में कोर्ट ने आरोपी सुनील करोसिया और उसकी प्रेमिका पिंकी को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने माना कि इस अपराध को सोच-समझकर योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है इसलिए आरोपियों को बख्शना उचित नहीं होगा।
गौरतलब है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के सबसे धीमे चलने वाले इस केस का फैसला आरोपियों की 71वीं पेशी में हुआ है। बच्ची के बयान और मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर सजा तय हुई।
कोर्ट की टिप्पणी : घृणित कृत्य के प्रति लचीला रुख नहीं
'आरोपीगण बच्ची को घरेलू काम करने के नाम पर लाए और उससे घृणित कृत्य किया है, जिसका समाज में विपरीत प्रभाव पड़ता है। आरोपियों ने सोच-समझकर योजनाबद्ध तरीके से गंभीर अपराध को अंजाम दिया है इसलिए कठोर दंड देकर अन्य अपराधी सबक लेकर इस प्रकार के अपराध करने से हिचकिचाएंगे। वर्तमान में महिलाओं एवं बच्चों के प्रति जिस प्रकार दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ते जा रहे हैं उसे देखते हुए न्यायालय का रुख लचीला नहीं होना चाहिए।'
ये हैं मामला
एजीपी रवींद्र देसाई के मुताबिक, घटना 30 मई 2013 से 30 जून 2013 के बीच की है। आरोपी करोसिया बच्ची को 500 रुपए में घर का काम करवाने के लिए लाया था। उसे प्रेमिका पिंकी उर्फ सरिता के गोम्मटगिरी स्थित राजकमल रेसीडेंसी के एक फ्लैट में रखा। एक दिन के अंतराल में आरोपी करोसिया यहां आता और बच्ची से घिनौने से घिनौना काम करता। इस अपराध में आरोपी पिंकी भी सहयोग देती थी। पहली दफा जब बच्ची ने अपने साथ हो रही दरिंदगी का विरोध किया तो आरोपी करोसिया ने उसे चाकू मारकर बाएं पैर में जख्म दिया।