गायब है दस हजार क्विंटल गेहूं!
इंदौर [ब्यूरो]। गेहूं घोटाले से परदा उठने के बाद सहकारिता और खाद्य विभाग में हड़कंप मच गया है। सहकारिता विभाग द्वारा समीक्षा के लिए बुलाई वीडियो कांफ्रेंस में न केवल मुद्दा उठा, बल्कि रायसेन के उपायुक्त विनोद सिंह से विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली गई। सिंह ने रिपोर्ट में बताया कि साढ़े सात हजार नहीं, बल्कि दस हजार क्विंटल गेहूं गायब है।
ये मामला 22 अप्रैल से ही नागरिक आपूर्ति निगम के संज्ञान में था, पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। 'नईदुनिया' ने सात जून 2014 के अंक में इस संबंध में खबर प्रकाशित की थी। शनिवार को जब विभाग ने कामकाज की समीक्षा के लिए वीडियो कांफ्रेंस बुलाई तो रायसेन में पदस्थ विनोद सिंह से इस पर पूछताछ की गई। सिंह ने बताया कि करीब दस हजार क्विंटल गेहूं गायब है। नागरिक आपूर्ति निगम 28 हजार क्विंटल गेहूं का भुगतान कर चुका है। ये मामला अप्रैल से ही निगम की जानकारी में था पर उसने कोई कार्रवाई नहीं। दरअसल, परिवहनकर्ता जब बगलवाड़ा की रिमाडा केंद्र में अनाज उठाने के लिए गया था तब उसे वहां कुछ नहीं मिला। उसने इसकी रिपोर्ट भी की थी। जांच रिपोर्ट में निगम के स्थानीय प्रबंधन, समिति और राजस्व विभाग की टीम को दोषी बताया जा रहा है। रायसेन में फूटे घोटाले के बाद मौखिक तौर पर सभी जिला बैंकों को निर्देश दिए गए हैं वे अपने यहां भी पड़ताल करा लें कि जितना अनाज खरीदना बताया जा रहा है उतना गेहूं है भी या नहीं। यदि है तो उसे परिवहन करके गोदामों में जमा कराया गया है या नहीं। गेहूं जमा करा दिया गया है तो उसकी रसीद की प्रति जमा कराई जाए।