पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले कांग्रेसी नेता की जमानत खारिज, पिछले हफ्ते हुई थी गिरफ्तारी
कोर्ट ने कहा कि आरोपित पूर्व मंत्री रह चुका है उसके अनुयायियों की संख्या अधिक है। वह सार्वजनिक रूप से अपत्तिजनक भाषण दे रहे हैं जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। वह अपने अनुयायियों से कहते दिख रहे कि प्रधानमंत्री की हत्या के लिए तत्पर रहिए।
ग्वालियर, जेएनएन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजा पटेरिया की जमानत आवेदन गुरुवार को विशेष सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार जोशी ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री दल व वर्ग विशेष के नहीं होते हैं, वह संपूर्ण देश के प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री की सुरक्षा देश की गरिमा से जुड़ी है। सार्वजनिक जीवन में प्रधानमंत्री के लिए कहे जाने वाले अपशब्द कानून व्यवस्था व लोक शांति पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं।
कोर्ट ने कहा कि आरोपित पूर्व मंत्री रह चुका है, उसके अनुयायियों की संख्या अधिक है। वह सार्वजनिक रूप से अपत्तिजनक भाषण दे रहे हैं, जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। वह अपने अनुयायियों से कहते दिख रहे कि प्रधानमंत्री की हत्या के लिए तत्पर रहिए। उनके भड़काने पर अनुयायी हत्या के लिए उत्प्रेरित हो सकते हैं। कोर्ट से जमानत आवेदन खारिज होने के बाद अब पटेरिया को जेल में ही रहना होगा। राजा पटेरिया की ओर से अधिवक्ता राजीव शर्मा ने जमानत आवेदन में तर्क दिया कि पटेरिया ने प्रधानमंत्री की हत्या के लिए किसी को दुष्प्रेरित नहीं किया है। राजनीतिक द्वेष-भावना के चलते उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया गया है। वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है।
अधिवक्ता ने उस वीडियो को भी दिखाया, जिसके आधार पर केस दर्ज किया गया है। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे अभिषेक मेहरोत्रा ने जमानत आवेदन का विरोध किया। उनकी ओर से तर्क दिया गया कि अभियुक्त ने दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक समुदाय को घृणा व वैमनश्यता के लिए प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करना एक बड़ा अपराध है। यह है मामला 11 दिसंबर 2022 को पन्ना जिले में स्थित पीडब्ल्यूडी के पवई स्थित विश्राम गृह में राजा पटेरिया ने जबरन घुसकर प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। दलित, आदिवासी तथा अल्पसंख्यक वर्ग की भावनाओं को भड़काया। इसको लेकर पवई थाना में धारा 451, 504, 505(1)बी, 505(1)सी, 506, 153-बी(1)(सी) भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। साक्ष्य के आधार पर धारा 115 एवं 117 भादवि भी बढ़ाई गई। आरोपित को 13 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था।