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'.मोदी तो गुजरात अच्छा चलाएंगे'

By Edited By: Published: Sun, 17 Feb 2013 12:05 AM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2013 12:05 AM (IST)
'.मोदी तो गुजरात अच्छा चलाएंगे'

ग्वालियर। नरेन्द्र मोदी का नाम प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित करना एक राजनीतिक घटनाक्रम है। कोई भी राजनेता हो, संत समाज सिर्फ उसे ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहेगा जो हिन्दुत्व की रक्षा करेगा। वैसे मोदी तो गुजरात अच्छा चलाएंगे।

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प्रधानमंत्री पद पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम को लेकर ये विचार कांचि कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती ने शनिवार को व्यक्त किए। वे विष्णु महायज्ञ के शुभारंभ के लिए ग्वालियर प्रवास पर आए हुए हैं। मेला ग्राउण्ड पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संतों को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि राजनीतिक पार्टी कौन-सी है। सारा संत समाज उस पार्टी और राजनेता के साथ खड़ा होगा, जो हिन्दुओं और हिन्दुत्व की रक्षा करेगा।

नित्यानंद को उपाधि देना गलत:

विवादों में फंसे स्वामी नित्यानंद को महामंडलेश्वर की उपाधि देने से शंकराचार्य कतई सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें उपाधि देना एकदम गलत निर्णय है।

धार्मिक कार्यो का विरोध अच्छा नहीं:

धार में भोजशाला के अंदर सरस्वती पूजा और नमाज को लेकर हुए लाठीचार्ज पर शंकराचार्य नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं में से ही कुछ लोग हिन्दुओं का विरोध करते हैं। ऐसे ही कुछ मुस्लिम भी अपने ही लोगों के कार्यक्रम के आगे आते हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति किसी भी समाज का हो, ऐसी प्रवृत्ति अच्छी नहीं है। धार्मिक कार्यो का कहीं भी विरोध नहीं होना चाहिए।

रामदेव का राष्ट्रवाद एकदम सही :

शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती ने राजनीति में संतों के आगमन का दो टूक समर्थन किया। उन्होंने कहा कि संतों का राजनीति में आना देश के लिए अच्छा है। साधुओं के संसद में आने से देश बदलेगा। उन्होंने बाबा रामदेव के राष्ट्रवादी आंदोलन को भी एकदम सही बताया।

इंदिराजी के बाद हर सरकार उदासीन

क्या केन्द्र सरकार वेदों की संस्कृति को पर्याप्त संरक्षण दे रही है? इस सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि सिर्फ इंदिरा सरकार के समय उज्जैन में वेद विश्व प्रतिष्ठान शुरू हो सका। इसके बाद तो किसी भी सरकार ने वेदों को बढ़ाने के प्रति रचि नहीं दिखाई।

जमीन मिलेगी वहीं बनाएंगे वेदपाठशाला:

मप्र में कांची कामकोटि मठ का संकल्प बताते हुए स्वामी जयेन्द्र सरस्वती ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने उज्जैन में शिक्षा ली थी। इस पुण्य स्मरण में कांची कामकोटि मठ पूरे प्रदेश में वेदपाठशालाएं खोलेगा। लेकिन यह वहीं खोली जाएंगीं, जहां सरकार जमीन मुहैया कराएगी।

आसाराम बापू ने ठीक नहीं किया

एक कार्यक्रम में अपने शिष्य को कथित तौर से आसाराम बापू द्वारा लात मारने की घटना पर शंकराचार्य ने कहा कि उन्होंने यह ठीक नहीं किया।

ये भी कहा

-इलाहाबाद के कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से संत समाज संतुष्ट।

-वेद विद्यालयों से संस्कृत का प्रसार करेंगे।

-धार्मिक सद्भाव का समर्थन करेंगे।

-राममंदिर बने, इसके लिए मुद्दा उठना चाहिए।

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