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MP Politics: मप्र में भाजपा व कांग्रेस के लिए मुसीबत बना ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा

MP Politics भाजपा और कांग्रेस के लिए मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा मुसीबत बन गया है। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण न होने से दोनों इस मुद्दे से किनारा करने की कोशिश में हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 08:59 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 09:31 PM (IST)
MP Politics: मप्र में भाजपा व कांग्रेस के लिए मुसीबत बना ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा
मप्र में भाजपा व कांग्रेस के लिए मुसीबत बना ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा। फाइल फोटो

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा मुसीबत बन गया है। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण न होने से दोनों इस मुद्दे से किनारा करने की कोशिश में हैं, वहीं एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने के चलते मामला ठंडा पड़ने के बजाय गर्मा रहा है। इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच कमल नाथ अपनी तरफ से की गई कवायद को हमेशा सामने रखते हैं। उधर, भाजपा सरकार को इस मोर्चे पर दोहरे संकट का सामना करना पड़ रहा है। पहला तो सरकारी भर्ती में 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शासन की कई भर्तियों में ओबीसी के लिए आरक्षण की जानकारी विधानसभा सत्र में भी दे चुके हैं। इन आंकड़ों के आधार पर दावा करते हैं कि उनकी सरकार ही ओबीसी की असली हितैषी है। दूसरा संकट यह है कि पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण खत्म करने से नाराजगी की आशंका है। पंचायत चुनाव के लिए जिन लोगों ने मैदान में ताल ठोक दी थी, उनकी तैयारियां धरी की धरी रह गई। ऐसे में सरकार के निर्णय को संगठन के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने की चुनौती है।

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कानूनी दांवपेच में उलझा मामला

कांग्रेस के सामने भी दोहरा संकट है। वह खुद को ओबीसी हितैषी कैसे साबित करे, इस पर पार्टी की कवायद ठंडी है। कांग्रेस ने पंचायत चुनाव के खिलाफ याचिका लगाई तो ओबीसी आरक्षण खत्म हो गया। यह मामला कानूनी दांवपेच में उलझ गया है। कांग्रेस इन आरोपों को तकनीकी पहलुओं की आड़ में गलत साबित करना चाहती है। कांग्रेस के सामने दूसरा बड़ा सकट ओबीसी वर्ग के नेताओं की कमी है। भाजपा जहां प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री तक कई बड़े पदों पर ओबीसी को मौका देने का तथ्य सामने रखती है, वहीं कांग्रेस के पास संगठन में ही ओबीसी चेहरों का अभाव है। अरुण यादव जैसे नेता संगठन में हैं, मगर उपेक्षा के शिकार हैं।

भाजपा सरकार ने आज तक ओबीसी के लिए कुछ नहीं किया: कमलेश्वर पटेल

पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार ने आज तक ओबीसी के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने शासकीय नौकरियों में पहले 14 और फिर 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। पंचायत चुनाव में 25 प्रतिशत आरक्षण देने का काम कांग्रेस ने किया। रामजी महाजन आयोग बनाया और पिछड़ा वर्ग के हित में कदम उठाए।

कांग्रेस हमेशा से ही ओबीसी की विरोधी रही है: भूपेंद्र सिंह

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा से ही ओबीसी की विरोधी रही है। दरअसल, पिछड़ा वर्ग के हित में भाजपा के लगातार कामों से कांग्रेस की कलई खुलने लगी है। मेरा संपूर्ण ओबीसी समाज से आग्रह है कि कांग्रेस की साजिश को समझें और उससे बचकर रहें । यह वह कांग्रेस है, जिसने पिछड़ा वर्ग को छलने और उसे वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का ही काम किया है।


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