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Madhya Pradesh: यशोधरा और वसुंधरा ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया का मनाया जन्मदिवस, ज्योतिरादित्य नहीं पहुंचे

Madhya Pradesh करवाचौथ पर सिंधिया राजघराने की छत्री परिसर में ग्लालियर राजघराने की राजमाता स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी लंबे अरसे बाद इसमें शामिल हुईं लेकिन ज्योतिरादित्य नहीं पहुंचे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 06:26 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 10:47 PM (IST)
Madhya Pradesh: यशोधरा और वसुंधरा ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया का मनाया जन्मदिवस, ज्योतिरादित्य नहीं पहुंचे
वसुंधरा राजे और ज्योतिरादित्य सिंधिया। फाइल फोटो

ग्वालियर, जेएनएन। मध्य प्रदेश में ग्लालियर राजघराने की राजमाता स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया के जन्मदिवस का आयोजन 12 दिन के अंतराल में रविवार को दूसरी बार किया गया। दोनों आयोजनों में परिवार के कुछ सदस्यों की गैरमौजूदगी ने उनमें दूरियों की झलक फिर दिखा दी है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, राजमाता का जन्मदिन 12 अक्टूबर है। इस साल 12 अक्टूबर को उनके पोते व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर राजमाता की बेटी व ज्योतिरादित्य सिंधिया की छोटी बुआ यशोधरा राजे नहीं पहुंचीं। भारतीय तिथि के मुताबिक, उनका जन्म करवाचौथ  के दिन हुआ था। हर साल की तरह इस साल भी रविवार को करवाचौथ पर सिंधिया राजघराने की छत्री परिसर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। उनकी बड़ी बहन व राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी लंबे अरसे बाद इसमें शामिल हुईं, लेकिन ज्योतिरादित्य नहीं पहुंचे। वे प्रदेश के बुरहानपुर में चुनावी सभा में थे।

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वसुंधरा ने कहा, मैं यहां पारिवारिक कार्यक्रम में आई हूं

12 अक्टूबर का कार्यक्रम ज्योतिरादित्य के भाजपा में शामिल होने के बाद इस तरह का पहला आयोजन था। इसमें ज्योतिरादित्य मां माधवी राजे, पत्नी प्रियदर्शिनी व बेटे महाआर्यमन के साथ आए। उनके समर्थक मंत्री, भाजपा नेता व कार्यकर्ता भी जुटे थे। जबकि रविवार के आयोजन में ज्योतिरादित्य समर्थक मंत्री नहीं पहुंचे, जबकि यशोधरा खुद मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। राजघराने के धुर विरोध रहे वरिष्ठ भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया इसमें शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मैं यशोधरा के भावपूर्ण आग्रह के कारण आया हूं। राजमाता का जीवन राष्ट्रसेवा, हिंदुत्व, गोसेवा व संतों की सेवा के लिए समर्पित रहा। वसुंधरा ने कहा कि मैं यहां पारिवारिक कार्यक्रम में आई हूं। अम्मा महाराज को श्रद्धासुमन अप्रित किए हैं। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा, राजमंत्री भारत सिंह कुशवार, भाजपा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, पूर्व मंत्री माया सिंह व कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार भी शामिल हुए। 

बुआ-भतीजे के बीच पुराना संपत्ति विवाद है बड़ा कारण
भारतीय जनसंघ व भाजपा की आधार स्तंभ रहीं विजयाराजे सिंधिया के जन्मदिवस पर एक ही पार्टी में होने के बावजूद बुआ और भतीजे का एक-दूसरे के आयोजन में न आने से ऐसा लग रहा है कि दल भले ही एक हो गए पर दिल एक नहीं। इसकी बड़ी वजह बुआ-भतीजे के बीच पुराना संपत्ति विवाद है। इसकी शुरुआत राजमाता व उनके बेटे स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के जीवित रहने के दौरान ही शुरू हो गई थी। माधवराव कांग्रेस में थे। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, एक-दूजे के आयोजन में न आने के अपने-अपने कारण हो सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक मंचों पर एक साथ आने से कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश जाता है। यह इसलिए भी जरूरी है कि भाजपा में राजमाता का आज भी बहुत सम्मान है। शायद इसी कारण ज्योतिरादित्य ने पहली बार राजमाता का जन्मदिवस बड़े स्तर पर मनाया और उनका पूरा परिवार श्रद्धांजलि देने पहुंचा था।


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