भोपाल, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) हो या कांग्रेस, दोनों पार्टियों की गरज होगी तो ही गठबंधन होगा। हमने अपने विकल्प खुले रखे हैं और सभी संभावनाओं को टटोला जा रहा है। यदि सपा गठबंधन की आवश्यकता महसूस करेगी तो हम बातचीत करेंगे। यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन 'नईदुनिया' से विशेष बातचीत में कही। कमल नाथ पिछले महीने उत्तर प्रदेश के दौरे पर भी गए थे और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात भी हुई थी। कमल नाथ ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का मोर्चा संभालने के बाद वहां पार्टी पुनर्जीवित हुई है। काफी समय बाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सभाओं में जनसमूह उमड़ने जैसी स्थिति बनी है। पहले जब हमें दिल्ली में कोई कार्यक्रम करना होता था तो उत्तर प्रदेश से ही कार्यकर्ता आते थे। उन्होंने माना कि धीरे-धीरे हम कमजोर होते गए, पर आज परिस्थितियां अलग हैं। हालांकि, जो सभाओं के जनसमूह का वोट में तब्दील होना जरूरी है। कांग्रेस में असंतुष्टों के जी-23 गुट को लेकर कमल उन्होंने कहा कि अब विवाद की कोई बात नहीं रह गई है। उनका जो मुख्य मुद्दा पार्टी नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता का था, उसका समाधान हो चुका है। पार्टी संगठन के चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।
उप्र में 48 प्रतिशत था हमारा वोट शेयर
कमल नाथ ने कहा कि मैं तो उस उत्तर प्रदेश को जानता हूं, जहां हमारा वोट शेयर 48 प्रतिशत था, पर आज बहुत कम है। लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में मैंने पूछा कि इसके लिए क्या सोनिया गांधी, राहुल गांधी या प्रियंका गांधी वाड्रा की गलती है? अन्य दलों के कार्यक्रमों में वर्ग विशेष के लोग आते हैं, लेकिन प्रियंका जी के कार्यक्रम में सभी वर्ग की महिलाएं आ रही हैं। उनका वोट 50 प्रतिशत है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में जबरदस्त माहौल बनाया है। महिलाओं में जागरूकता आई है। बस अब जरूरत है कि इसे वोट में तब्दील किया जाए।
पुराने तरीके से नहीं जीते जा सकते चुनाव
उन्होंने कहा कि आज राजनीति के तौर-तरीके बदल गए हैं। 40 साल पहले जैसे हम चुनाव लड़ते थे, वैसे अब नहीं लड़े जा सकते हैं। आज मतदाता इंटरनेट मीडिया का 90 प्रतिशत इस्तेमाल करता है। उसे हमें कुछ बताने की जरूरत नहीं है। अब तो वह हमें बताता है।
मेरी किसी से अंडरस्टैंडिंग नहीं, न ही दुश्मनी
भाजपा से अंडरस्टैंडिंग के आरोपों पर उन्होंने कहा कि मेरी किसी से कोई अंडरस्टैंडिंग नहीं है और न ही दुश्मनी। राजनीति अपनी जगह है और निजी संबंध अपनी जगह। मैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी जानता हूं और शायद शिवराज जी से बेहतर जानता हूं। लंबे समय तक काम करते-करते संबंध बन ही जाते हैं।
ओबीसी को मिले 27 फीसद आरक्षण
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के आल इंडिया कोटे में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को सही ठहराने पर उन्होंने कहा कि हम तो शुरुआत से ही कह रहे हैं कि अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। सरकारी नौकरियों में 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशित आरक्षण देने की व्यवस्था हमने बनाई। पंचायत चुनाव का परिसीमन हमने किया और रोटेशन भी किया। उस व्यवस्था को समाा करने के लिए अध्यादेश तो शिवराज सरकार ही लाई थी।
a