टायपिंग घोटाले में तीन पुलिसकर्मी गिरफ्तार
एसटीएफ ने तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया। इनमें एक एएसआई व दो पुलिस मुख्यालय में पदस्थ क्लर्क हैं।
नईदुनिया भोपाल, ब्यूरो। वर्ष 2013 में हुई टायपिंग और स्टेनो परीक्षा फर्जीवा़डे में स्पेशल टास्क फोर्स [एसटीएफ ] ने फर्जी तरीके से पास होकर नौकरी हासिल करने अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है। इसकी शुरआत फर्जी तरीके से पास होकर पुलिस में भर्ती होने वाले अभ्यर्थियों से ही हुई है। एसटीएफ ने तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया। इनमें एक एएसआई व दो पुलिस मुख्यालय में पदस्थ क्लर्क हैं। हालांकि अग्रिम जमानत होने के चलते गिरफ्तारी की औपचारिकता कर उन्हें छा़ेड दिया गया।
मालूम हो कि फर्जीवा़डे में एसटीएफ ने टायपिंग और स्टेनो परीक्षा की 2946 अभ्यर्थियों की कॉपियां जब्त की थीं। इनमें से करीब 600 लोग सरकारी नौकरी कर रहे हैं। एसटीएफ की जांच के दायरे में करीब 300 ऐसे लोग हैं, जिन्होंने फर्जी तरीके से स्टेनो व टायपिंग पास की और सरकारी नौकरी भी हासिल की। इनमें तीन दर्जन से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ पक्के सबूत हाथ लगने के बाद एसटीएफ ने गिरफ्तारी के प्रयास पिछले साल जून से ही शुरू कर दिए थे। हालांकि ज्यादातर कोर्ट चले गए हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी होगी।
बोर्ड के अध्यक्ष से लेकर सचिव भी शामिल
टायपिंग और स्टेनो की परीक्षा में हुई धांधली के मामले में लोक शिक्षण संचालनालय की सचिव से लेकर टायपिंग बोर्ड के अध्यक्ष भी आरोपी हैं। एसटीएफ ने संचालनालय की तत्कालीन सचिव आशा जादौन, स्टेनो [ टायपिंग की कॉपियां जांचने वाली ], ओमप्रकाश माल्यान [ कॉपी जांचने वाले ] और आलोक सोनी [पुनर्मूल्यांकन का काम देखने वाले], टायपिंग बोर्ड के अध्यक्ष सुभाषष पांचपोर, चार रैकेटियर, एक अभ्यर्थी सहित करीब 25 लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है।