मोबाइल-लैपटॉप की लत से बढ़ रहा 'टेक्स्ट नेक' का खतरा, बच्चों व युवाओं की झुक रही रीढ़, दिखने लगा कूबड़
भोपाल में मोबाइल और लैपटॉप के अत्यधिक इस्तेमाल से टेक्स्ट नेक सिंड्रोम का खतरा बढ़ रहा है। पेन क्लीनिकों में गर्दन और पीठ दर्द के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, खासकर युवाओं में। विशेषज्ञ गलत पोस्चर के गंभीर परिणामों के बारे में चेतावनी दे रहे हैं, जिससे फेफड़ों की क्षमता कम हो सकती है और हड्डियों को नुकसान हो सकता है। बचाव के लिए व्यायाम और सही पोस्चर अपनाना जरूरी है।

घंटों मोबाइल-लैपटॉप के इस्तेमाल से रीढ् संबंधी समस्या बढ़ रही है। (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। अगर आप या आपके बच्चे घंटों झुकी गर्दन के साथ मोबाइल या लैपटॉप में डूबे रहते हैं, तो सावधान हो जाइए। यह आदत धीरे-धीरे रीढ़ की हड्डी को टेढ़ा कर रही है। डॉक्टर इसे टेक्स्ट नेक सिंड्रोम (एक तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्या) करार दे रहे हैं। शहर के पेन क्लीनिकों (दर्द उपचार केंद्रों) में आने वाले हर 10 में से 7 मरीज इसी वजह से गर्दन और पीठ दर्द की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।
किशोरों व युवाओं में भी बढ़ रही समस्या
विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक गर्दन झुकाकर स्क्रीन देखने से रीढ़ की ऊपरी हड्डियों पर लगातार दबाव पड़ता है। पहले जहां ऐसी समस्याएं बुजुर्गों में आम थीं, वहीं अब किशोर और युवा भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। लगातार झुके रहने से गर्दन आगे की ओर निकलने लगती है, कंधे झुक जाते हैं और समय के साथ कूबड़ जैसी स्थिति बनने लगती है।
स्पाइन एक्सपर्ट ने दी चेतावनी
स्पाइन एक्सपर्ट डॉ. सुनील पांडेय (एमपीटी, आर्थो) बताते हैं कि गलत पोस्चर के दुष्परिणाम केवल गर्दन दर्द तक सीमित नहीं हैं। रीढ़ शरीर का मुख्य आधार है, और इसकी खराब स्थिति -
- फेफड़ों की क्षमता घटा सकती है।
- नसों पर दबाव बढ़ा सकती है।
- हड्डियों व मांसपेशियों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई तो यह 21वीं सदी का सबसे आम रोग बन सकता है।
क्या है टेक्स्ट नेक सिंड्रोम?
डिजिटल डिवाइस के लंबे उपयोग से होने वाला यह तनाव विकार गर्दन और ऊपरी पीठ में दर्द, अकड़न और भारीपन पैदा करता है। लंबे समय तक सिर झुकाकर मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप देखने से रीढ़ पर लगातार दबाव पड़ता है और समस्या गंभीर होती जाती है।
ऐसे करें बचाव
- व्यायाम और पोस्चर सुधार
- कोर और पीठ को मजबूत करने वाले व्यायाम करें।
- फिजियोथैरेपी की पोस्चर करेक्टिव एक्सरसाइज बेहद फायदेमंद हैं।
स्क्रीन का सही उपयोग
- मोबाइल/लैपटॉप हमेशा आंखों के स्तर पर रखें।
- पढ़ाई या काम के दौरान हमेशा सीधे बैठें।
- गलत पोस्चर न केवल दर्द बढ़ाता है, बल्कि आंखों में तनाव, थकान और नींद में बाधा भी पैदा करता है।

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