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Madhya Pradesh: बिना टिकट यात्रा करती मिली दिव्यांग महिला से टीसी ने किया दुष्कर्म

Madhya Pradesh ट्रेन से आई दिव्यांग महिला के बिना टिकट होने पर प्लेटफार्म पर तैनात टिकट कलेक्टर ने उसे रोका और धमका कर अपने रेलवे क्वार्टर में ले गया। जहां उसने महिला के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 05 Jun 2022 09:13 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jun 2022 09:13 PM (IST)
Madhya Pradesh: बिना टिकट यात्रा करती मिली दिव्यांग महिला से टीसी ने किया दुष्कर्म
मप्र के सागर में बिना टिकट यात्रा करती मिली दिव्यांग महिला से टीसी ने किया दुष्कर्म। फाइल फोटो

सागर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के सागर में ट्रेन से आई दिव्यांग महिला के बिना टिकट होने पर प्लेटफार्म पर तैनात टिकट कलेक्टर (टीसी) ने उसे रोका और धमका कर अपने रेलवे क्वार्टर में ले गया। जहां उसने महिला के साथ दुष्कर्म किया। मामले में कैंट पुलिस ने टीसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के लिए रिपोर्ट जीआरपी को हस्तगत कर दी है। कैंट थाना प्रभारी गौरव तिवारी ने बताया कि 40 वर्षीय एक दिव्यांग महिला ने रविवार को शिकायत दर्ज कराई है कि वह भागलपुर एक्सप्रेस ट्रेन से गुना आ रही थी। शनिवार की रात करीब साढ़े आठ बजे यह ट्रेन सागर रेलवे स्टेशन पर आई। वह ट्रेन से उतर कर प्लेटफार्म से बाहर निकल रही थी। तभी एक नंबर प्लेटफार्म पर टिकट चेक कर रहे टीसी राजू लाल मीणा ने उससे टिकट मांगा।

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टीसी ने दिव्यांगता प्रमाण पत्र जब्त कर महिला को दी थी केस दर्ज कराने की धमकी

महिला के पास टिकट नहीं मिला, लेकिन उसने अपना दिव्यांगता का प्रमाण पत्र और आधार कार्ड टीसी को दिखाया। टीसी ने प्रमाण पत्र व आधार कार्ड को अपने पास रख कर कहा कि इसे जब्त किया जा रहा है। तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर बिना टिकट यात्रा करने के जुर्म में तुम्हें जेल भेजवाया जाएगा। महिला गिड़गिड़ाने लगी तो टीसी उसे लेकर अपने कमरे पर आया। इसके बाद महिला के साथ जोर जबरदस्ती की। वहां से किसी तरह निकलकर वह थाने पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराया। इधर, जीआरपी थाना प्रभारी प्रमोद अहिरवार का कहना है कि रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। रिपोर्ट मिलते ही जांच शुरू की जाएगी।

गौरतलब है कि इससे पहले मई, 2022 में दुष्कर्म करने में नाकाम युवक ने उत्तर प्रदेश (यूपी) के बांदा की रहने वाली युवती को 27 अप्रैल को चलती ट्रेन से फेंक दिया था। घायल अवस्था में पहले उसे छतरपुर के जिला अस्पताल में रखा गया। इसके बाद से मध्य प्रदेश में ग्वालियर के जेएएच (जयारोग्य अस्पताल) में रेफर कर दिया गया था। युवती को न तो छतरपुर में इलाज मिला और न ही ग्वालियर में डाक्टरों ने देखभाल की। इलाज के नाम पर सिर्फ जांच ही गई। युवती के जख्मों में मवाद न पड़ जाए, इसलिए स्वजनों ने पानी में भिगोकर पट्टियां रखीं। घायल युवती का यूरिन बैग भी नहीं बदला गया था।


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