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Madhya Pradesh: जगदीप धनखड़ बोले, न्यायाधीशों पर आक्षेप लगाने वालों का होना चाहिए विरोध

Madhya Pradesh उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में कहा कि पारदर्शी प्रक्रिया से गुजरकर न्याय करने वाले न्यायाधीशों पर आक्षेप लगाने वालों का विरोध होना चाहिए। उनके मुताबिक कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 18 Sep 2022 04:32 PM (IST)Updated: Sun, 18 Sep 2022 10:04 PM (IST)
Madhya Pradesh: जगदीप धनखड़ बोले, न्यायाधीशों पर आक्षेप लगाने वालों का होना चाहिए विरोध
शिवराज सिंह चौहान बोले, न्याय की भाषा मातृभाषा क्यों नहीं हो सकती। फोटो इंटरनेट मीडिया

जबलपुर, जेएनएन। Madhya Pradesh News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि पारदर्शी प्रक्रिया से गुजरकर न्याय करने वाले न्यायाधीशों पर आक्षेप लगाने वालों का विरोध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका को संविधान के दायरे में रहकर कार्य करने की आवश्यकता है। आज कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह किसी भी पद या हैसियत का हो। वह दौर समाप्त हो गया, जब पर्दे के पीछे से फैसले होते थे। उपराष्ट्रपति रविवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर में न्यायमूर्ति जेएस वर्मा स्मृति व्याख्यानमाला में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

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शिवराज सिंह चौहान बोले, न्याय की भाषा मातृभाषा क्यों नहीं हो सकती

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि भारत में न्याय की भाषा मातृभाषा क्यों नहीं हो सकती। मध्य प्रदेश में राजभाषा हिंदी में न्याय किया जाए और अन्य प्रांतों में वहां की स्थानीय भाषा में बहस सुनी और फैसले सुनाए जाएं। यह इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि भारत की 92 प्रतिशत जनसंख्या को अंग्रेजी नहीं आती। जहां तक मध्य प्रदेश शासन का सवाल है, तो उसने इसी वर्ष से मेडिकल व इंजीनियरिंग की शिक्षा हिंदी माध्यम से शुरू करने का कदम उठा लिया है। उन्हाेंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को याद किया जिन्होंने संयुक्त राष्ट्रसंघ में हिंदी में भाषण दिया था। साथ ही, वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख किया जो दुनिया के अनेक देशों में बिना किसी झिझक के हिंदी में भाषण दे चुके हैं।

आम आदमी आंख मूंदकर न्यायपालिका पर भरोसा करता है 

शिवराज ने कहा कि प्रदेश की धरती से उभरकर राष्ट्रीय न्यायिक क्षितिज पर छा जाने वाले न्यायमूर्ति जगदीश शरण वर्मा का जिक्र छिड़ते ही हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। उनका नाम सुनते ही संपूर्ण न्याय-जगत गर्व से भर जाता है। विशाखा गाइडलाइन व निर्भया मामले में न्यायमूर्ति वर्मा के न्यायिक योगदान को कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। दरअसल, न्यायपालिका की यही तो गरिमा है कि आम आदमी आंख मूंदकर न्यायपालिका पर भरोसा करता है, क्योंकि उसे पूरा भरोसा होता है कि उसे न्याय मिलकर ही रहेगा।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत 

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) का स्वागत राज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा ने, राज्यपाल मंगूभाई पटेल का स्वागत जिला बार अध्यक्ष व स्टेट बार उपाध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का स्वागत अधिवक्ता वरुण तन्खा ने, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल का स्वागत हाई कोर्ट बार अध्यक्ष संजय वर्मा ने, न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी का स्वागत हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार अध्यक्ष मनोज शर्मा ने, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ का स्वागत अधिवक्ता श्रेयस धर्माधिकारी ने किया।

महापौर ने भेंट की काफी टेबल बुक 

जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने सभी मंचासीन अतिथियों को संस्कारधानी जबलपुर के गौरवपूर्ण अतीत से संबंधित काफी टेबल बुक भेंट की। इससे पूर्व सभी अतिथियों ने दीप प्रज्जवल के जरिए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उपराष्ट्रपति के आगमन के साथ ही सर्वप्रथम राष्ट्रगान हुआ।

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