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MP News: उफनते नाले में आधी डूबी बच्‍चों से भरी स्‍कूल बस, दहशत में चीखने लगे बच्‍चे

School Bus trapped in water तिलवाड़ गोविंद गांव में संचालित स्कूल अपेक्स इंटरनेशनल के बच्चों से भरी एक बस उफनते नाले में आधी डूब गई। इस बस में करीब 50 बच्‍चे सवार थे। ट्रैक्टर-ट्रॉली की मदद से बस को ओवरफ्लो हो रहे नाले के पानी से बाहर निकाला।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sun, 24 Jul 2022 10:45 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jul 2022 10:45 AM (IST)
MP News: उफनते नाले में आधी डूबी बच्‍चों से भरी स्‍कूल बस, दहशत में चीखने लगे बच्‍चे
करीब 50 बच्चों से भरी बस आधे से ज्यादा ओवरफ्लो नाले में डूब गई।

शाजापुर, जागरण आनलाइन डेस्‍क। स्कूल आने-जाने के दौरान हर दिन हजारों बच्चों की जान जोखिम में होती है। स्कूली वाहनों पर आरटीओ द्वारा की जा रही कार्रवाई औपचारिकता साबित हो रही है। शनिवार को मध्‍य प्रदेश के शाजापुर जिले में एक बड़ा हादसा होने से टल गया। 

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बस में करीब 50 बच्‍चे थे

छपरी में बीकालाखेड़ी और धारखेड़ी के बीच नाला उफान पर था। बावजूद इसके तिलवाड़ गोविंद गांव में संचालित स्कूल अपेक्स इंटरनेशनल के बच्चों से भरी एक बस चालक ने उसे पानी में ले गया। जिससे करीब 50 बच्चों से भरी बस आधे से ज्यादा ओवरफ्लो नाले में डूब गई।

ग्रामीणों ने बचायी जान

काफी कोशिश करने के बाद भी जब बस चालक से आगे-पीछे नहीं हुई। काफी देर तक बस में बच्चे दहशत में फंसे रहे। इस दौरान कुछ बच्चे रोने भी लगे। ग्रामीणों ने नाले में फंसी बस को बचाने का साहस दिखाया और ट्रैक्टर-ट्रॉली की मदद से बस को ओवरफ्लो हो रहे नाले के पानी से बाहर निकाला।

अगर शनिवार को ग्रामीणों ने हिम्मत नहीं दिखाई होती तो बड़ा हादसा हो जाता और स्कूल प्रबंधन और चालक की लापरवाही से कई घरों के चिराग बुझे जाते। अब देखने वाली बात ये है कि इस ताजा घटना से जिम्मेदार क्या सबक लेते हैं और बच्चों की सुरक्षित यात्रा के लिए क्या कदम उठाते हैं।

शनिवार दोपहर तीन बजे हुआ हादसा

दोपहर करीब तीन बजे स्कूल बस के ओवरफ्लो नाले में फंसने की घटना बताई जा रही है। ग्रामीणों ने ट्रैक्टर-ट्राली की मदद से बस को पानी से बाहर निकाला। बस में सवार अधिकतर बच्चे धाराखेड़ी गांव के रहने वाले थे। धाराखेड़ी के बच्चे पानी से बाहर निकलकर अपने गांव चले गए।

लेकिन लाहौरी के करीब 15-20 बच्चे देर शाम तक गांव बीकालाखेड़ी में फंसे रहे। यहां ग्रामीणों ने उसकी देखभाल की। बच्चों को गांव ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था करने की कवायद देर शाम तक चल रही थी।

मामले में कार्रवाई के आदेश

इस घटना के बाद कलेक्टर दिनेश जैन ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने आरटीओ, एसडीएम, शिक्षा विभाग और पुलिस से मामले में कार्रवाई करने को कहा है। इस पर अधिकारी मौके पर पहुंचे। लेकिन नाला ओवरफ्लो होने के कारण बच्चे नहीं पहुंच पाए और न ही देर शाम तक बस को जब्त कर चालक को पकड़ा जा सका।

2019 में भी हुआ था बड़ा हादसा

आपको बता दें कि साल 2019 में भी जिले में इतना बड़ा हादसा सामने आया था, जब स्कूली बच्चों से भरी वैन बिना मधुशाला के कुएं में गिर गई थी। इस दर्दनाक हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गई और आधा दर्जन से ज्यादा बच्चों को कुएं से बाहर निकालकर बचाया गया था।


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