श्मशानघाट में हुआ शिक्षकों का सम्मान
छतरपुर में अपनी तरह का एक अलग और अनोखा मामला सामने आया है। जहां शिक्षकों का श्मशानघाट में सम्मान किया गया है।
छतरपुर/भोपाल। छतरपुर में अपनी तरह का एक अलग और अनोखा मामला सामने आया है। जहां शिक्षकों का श्मशानघाट में सम्मान किया गया है। मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की गढ़ी मलहरा नगर पंचायत का है।
नगरपंचायत अध्यक्ष पति और नगरपंचायत सी.एम.ओ. की मानें तो शिक्षक दिवस था जिसमें वे कुछ अलग और अनोखा करना चाहते थे।श्मशानघाट (मुक्तिधाम) के अंदर ले जाकर शिक्षकों को फूल-मालायें पहनाईं और उनका सम्मान किया साथ ही वृक्षारोपण भी कराया। श्मशानघाट सम्मान मामले में अब लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
कोई जगह है सम्मान करने की
लोगों का कहना है कि यह भी कोई जगह है सम्मान करने की। यह काम लोगों की बेकार मानसिकता का परिचायक है। नगर पंचायत ने पब्लिसिटी और मीडिया की सुर्खियों में आने के लिए यह कृत्य किया है। इस मामले की अब लोग निंदा कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक श्मशान में हुए सम्मान में मिली सामग्री, गुलदस्ता, फूल मालाओं को लोगों ने रास्ते में ही कचड़े में फेंक दिया। घर आकर दरवाजे पर नहाया और गंगाजल छिड़ककर खुद को शुद्ध किया। तब कहीं गृह प्रवेश किया।
पहले स्नान कर शुद्ध हुए, फिर कहीं गृह प्रवेश
दरअसल हिन्दू धर्म में मान्यता है कि श्मशान से कोई भी चीज घर नहीं लाई जाती इसलिए सम्मान स्वरुप जो भी मिला लोगों ने वह कचड़े में फेंक दिया। मान्यता है कि श्मशान जाकर व्यक्ति अशुद्ध हो जाता है । नहा-धोकर, शुद्ध होकर ही गृह प्रवेश किया जाता है।
-जाता है तो सम्मान पाने वाले लोगों ने पहले स्नान कर शुद्ध हुए, फिर कहीं गृह प्रवेश किया।