भोपाल में मंत्री प्रतिमा बागरी के बंगले पर कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन, नेमप्लेट पर कालिख पोती, इस्तीफा मागा
भोपाल में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के आवास पर युवा कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने मंत्री के भाई की गिरफ्तारी के बाद नेम ...और पढ़ें

राज्यमंत्री के बंगले पर कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। राजधानी भोपाल में मंगलवार दोपहर नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के 74 बंगले स्थित शासकीय आवास पर राजनीतिक हलचल उस समय तेज हो गई, जब युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ता अचानक भीतर घुस गए।
पुलिस दिखी सुस्त
प्रदर्शनकारियों ने आवास के बाहर लगी नेम प्लेट पर कालिख पोतते हुए जमकर नारेबाजी की और मंत्री प्रतिमा बागरी के तत्काल इस्तीफे की मांग उठाई। विरोध की सूचना मिलने के बावजूद पुलिस शुरुआती समय में सक्रिय नजर नहीं आई, जिसका फायदा उठाकर कार्यकर्ता बंगले तक पहुंचने में सफल रहे।
जानकारी के अनुसार, कुछ ही देर में स्थिति बिगड़ती देख अतिरिक्त पुलिस बल वहां पहुंचा और कार्यकर्ताओं को मंत्री आवास से बाहर निकालकर स्थिति को नियंत्रित किया।
इसलिए भड़का आक्रोश
कांग्रेस का यह आक्रोश राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के भाई अनिल बागरी की मादक पदार्थ तस्करी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सामने आया है। सतना जिले की रामपुर बघेलान पुलिस ने सोमवार को अनिल बागरी और उसके साथी पंकज सिंह को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 46 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ।
बागरी पर लगाए गंभीर आरोप
जिला अध्यक्ष अमित खत्री के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों युवा कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ता शामिल रहे। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में नशे का कारोबार तेज़ी से फल-फूल रहा है और इसमें भाजपा नेताओं की संलिप्तता है। उन्होंने प्रतिमा बागरी को नशे के कारोबारियों का संरक्षक बताते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि कार्रवाई न होने पर वे मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे।
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बागरी ने आरोपों से पल्ला झाड़ा
दूसरी ओर, मंत्री प्रतिमा बागरी ने अपने भाई अनिल बागरी से खुद को अलग बताते हुए कहा कि सरकार और कानून अपना काम कर रहे हैं और जो भी गलत करेगा उसे दंड मिलेगा। छतरपुर जिले के खजुराहो में महाराजा कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कई बार मीडिया बिना पुष्टि के रिश्तेदारी जोड़ देता है, इसलिए पहले तथ्यों की जांच आवश्यक है।
बहनोई भी फंसा
प्रतिमा बागरी के परिवार को लेकर विवाद तब और बढ़ गया जब जानकारी सामने आई कि उनके बहनोई शैलेंद्र सिंह को भी उत्तर प्रदेश की नरैनी पुलिस ने तीन दिसंबर को नशीली दवाओं, कफ सीरप और हथियार के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद बड़े भाई अनिल बागरी की गिरफ्तारी ने विपक्ष को सरकार पर हमले का नया मुद्दा दे दिया।
सरकार को घेरा
समूचा घटनाक्रम न केवल प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि कानून-व्यवस्था और नशा तस्करी पर सरकार की स्थिति पर भी सवाल खड़े कर रहा है। युवा कांग्रेस और एनएसयूआई का कहना है कि जब मंत्री के करीबी ही नशे के कारोबार में पकड़े जा रहे हैं, तो सरकार की मंशा पर सवाल उठना स्वाभाविक है। बहरहाल, विवाद बढ़ने के साथ सियासी तापमान और चढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।

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