जब शादी में पहुंचे एक मुख्यमंत्री को याद आया पायजामा, लेने के लिए भेजा सरकारी हवाई जहाज
चौंकिए मत यह मजाक नहीं है। वाकई एक मुख्यमंत्री ने अपना पजामा लाने के लिए हवाई जहाज भेज दिया था। यह किस्सा है मध्यप्रदेश के नौवें मुख्यमंत्री रहे प्रकाश चंद्र सेठी का। इस किस्से का वर्णन पत्रकार व लेखक दीपक तिवारी ने अपनी किताब राजनीतिनामा मध्यप्रदेश में भी किया है।
नोएडा, अनिल पांडेय। जनवरी 1972 में सेठी को श्यामाचरण शुक्ल के बाद राज्य का सीएम बनाया गया था। इंदिरा गांधी की पसंद के चलते उन्हें यह पद सौंपा गया था। हालांकि उनकी इच्छा केंद्र की राजनीति में ही रहने की थी, लेकिन श्यामाचरण को लेकर बढ़े संघर्ष की वजह से इंदिरा ने उन्हें अपना प्रतिनिधि बनाकर मध्यप्रदेश भेजा था।
उज्जैन में कांग्रेस जिला अध्यक्ष पद से राजनीति की शुरुआत करने वाले सेठी इंदिरा गांधी के विश्वासपात्र थे।हालांकि केंद्र की राजनीति में उन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्थापित किया था। जिस समय उन्हें सूबे की कमान मिली थी उस समय मध्यप्रदेश डाकुओं की समस्या से जूझ रहा था।
पीसी सेठी चाहते थे कि इस समस्या का हल सरकार की ताकत से निकाला जाए। वो चाहते थे कि डाकुओं के ठिकानों पर वायुसेना से लगातार बमबारी करवाई जाए, जिससे उनकी कमर टूट जाए और उन्हें राज्य की ताकत का अहसास हो जाए।
सेठी को प्रशासनिक चुस्ती और सख्ती के लिए भी याद किया जाता है। आपातकाल के समय उन्होंने बेहद सख्ती से इसे राज्य में लागू करवाया था। हालांकि बातचीत में अक्सर वो बहक भी जाते थे, उन्हें अपनी छवि से अत्यधिक प्रेम था। रायपुर (अब छत्तीसगढ़ की राजधानी) में आयोजित एक आमसभा को संबोधित करते हुए वो बोल गए थे कि 'लोग श्यामाचरण शुक्ल को खूबसूरत और सुंदर कहते हैं, पर मैं भी दिलीप कुमार से कम नहीं हूं।'
मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री होने के बावजूद उनका ज्यादातर समय देश की राजधानी दिल्ली में ही बीतता था। गुलाम नबी आजाद की शादी में शामिल होने के लिए वो सरकारी हवाई जहाज से कश्मीर गए थे। वहां पहुंचने के बाद उन्हें याद आया कि शादी समारोह में वो जो पोशाक पहनने वाले थे उसका पायजामा साथ लाना वो भूल गए थे। बस फिर क्या था, उन्होंने तुरंत पायलट को वापस भोपाल भेजा और उससे अपना पायजामा मंगाया।