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Petrol Diesel Crisis: तेल कंपनियां घाटा बताकर पेट्रोल और डीजल की 50 प्रतिशत कर रहीं आपूर्ति, बढ़ेगी किल्लत

Petrol Diesel Crisis तेल कंपनियों का दावा कि डीजल में 23 रुपये व पेट्रोल में 16 रुपये प्रति लीटर घाटा हो रहा है इसलिए खपत के अनुसार पेट्रोल व डीजल नहीं दे पा रहे हैं। मप्र पेट्रोल पंप एसो ने खपत के अनुसार ईंधन की आपूर्ति कराने की मांग की।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 12 Jun 2022 09:01 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jun 2022 09:01 PM (IST)
Petrol Diesel Crisis: तेल कंपनियां घाटा बताकर पेट्रोल और डीजल की 50 प्रतिशत कर रहीं आपूर्ति, बढ़ेगी किल्लत
तेल कंपनियां घाटा बताकर पेट्रोल और डीजल की 50 प्रतिशत कर रहीं आपूर्ति, बढ़ेगी किल्लत। फाइल फोटो

भोपाल, जेएनएन। Petrol Diesel Crisis: मध्य प्रदेश में तेल कंपनियां 50 प्रतिशत ही पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति कर रही हैं। खासतौर पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पंपों पर पेट्रोल व डीजल की किल्लत शुरू हो गई है। हालांकि इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसी) के पंपों पर अभी संकट नहीं है, लेकिन इन पर दबाव बढ़ने लगा है। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह में यहां भी किल्लत शुरू हो जाएगी। तेल कंपनियों का दावा है कि डीजल में 23 रुपये और पेट्रोल में 16 रुपये प्रति लीटर घाटा हो रहा है, इसलिए खपत के अनुसार पेट्रोल व डीजल नहीं दे पा रहे हैं। इससे नाराज मप्र पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने मुख्य सचिव, चुनाव आयोग, संबंधित जिला कलेक्टर से तेल कंपनियों से खपत के अनुसार पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति कराने की मांग की है।

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एचपीसीएल और बीपीसीएल 48 घंटे में एक बार पेट्रोल पंपों तक पहुंचा पा रही पेट्रोल व डीजल

केंद्र सरकार ने 21 मई को पेटोल-डीजल व लगने वाली एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) घटा दी थी। इससे लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दामों पर ब्रेक लग गया था और इसकी कीमत छह से साढ़े नौ रुपये तक कम हो गई थी। तभी से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करने में घाटा होना बता रही हैं और पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं कर रही हैं। कंपनियों का यह भी दावा है कि 50 बैरल तेल कम आ रहा है, इसलिए दो दिन में एक बार पंपों तक पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति कर रहे हैं। मप्र पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अनुसार, तेल कंपनियां पंप मालिकों से कह रही हैं कि आठ घंटे तक ही पंप खोलें। प्रदेश के 40 प्रतिशत पेट्रोल पंप सूखे मप्र में तीनों तेल कंपनियों के 3900 पेट्रोल पंप हैं। इन पर हर दिन पेट्रोल व डीजल की खपत 11 करोड़ 17 लाख लीटर है। अभी एचपीसीएल व बीपीसीएल के 40 प्रतिशत पंपों पर पेट्रोल-डीजल नहीं मिल रहा है। धीरे-धीरे प्रदेश के कई शहरों के पेट्रोल पंप सूखने लगे हैं।

खरीफ की फसलों की बोवनी में बढ़ जाती है डीजल की चार गुना मांग: अजय सिंह

मप्र पेट्रोप पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि खरीफ की फसलों की बोवनी शुरू होना है। ऐसे में खेतों की जुताई व बोवनी के लिए ट्रैक्टर चलने से डीजल की खपत चार गुना बढ़ जाती है। अभी से डीजल की किल्लत है तो आने वाले दिनों में किसानों को पर्याप्त डीजल नहीं मिलेगा। इससे खरीफ की फसल की बोवनी प्रभावित होगी। पेट्रोल-डीजल पर तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है तो उसकी भरपाई सरकार करे। हमारी मांग है कि शासन-प्रशासन तेल कंपनियों से जल्द पर्याप्त आपूर्ति पेट्रोल पंपों पर करवाए।


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